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UNA विश्लेषण : “नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है..” शाह का दौरा छत्तीसगढ़ में अब भाजपा के लिए डाउनिंग प्वाइंट साबित न हो जाए

नमस्कार!

यूनाइटेड न्यूज ऑफ़ एशिया के खबरों के सटीक विश्लेषण में आपका फिर एक बार स्वागत है । चुनावी सरगर्मी के साथ बढ़ती ठंड अब ये तो वक्त ही बताएगा के चुनाव में खादी से साथ गर्मी किसे मिलेगी और परिणाम के बाद कप कपाती ठंड में 5 सालों के लिए घर पे कौन रह जायेगा । चलिए हम और आप अपने आज के इस विषय को आगे बढ़ाते हैं। मगर उससे पहले आज राहत इंदौरी साहब की इस शायरी से शुरुवात करते हैं..

नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है


छत्तीसगढ़ फुल स्पीड से चुनावी ट्रैक पर दौड़ रहा है। जरा सी भी राजनीतिक चूक दल या प्रत्याशी के लिए सियासी दुर्घटना का कारक हो सकती है। अमित शाह देश में यूं तो चुनावी चाणक्य कहलाते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे सदा ही सही करें। पिछले 5 वर्षों से भाजपा का कार्यकर्ता एक ही चीज केंद्रीय नेतृत्व से चाह रहा था। बस एक चीज। पुरानों को बदल दो। नए को मौका दो। पहली सूची में कार्यकर्ताओं की इस मांग का थोड़ा असर दिखा। दूसरा सूची में डब्बा गोल हो गया। रही कसर अमित शाह का छत्तीसगढ़ में नामांकन कार्यक्रम में आना कर दे रहा है।

छत्तीसगढ़ के भाजपा कार्यकर्ता क्या चाहते थे, क्या उन्हें पार्टी को सुनना नहीं चाहिए था। कमसकम बूथ तक वोटर को लाने की जिम्मेदारी तो सिर्फ इन्हीं कार्यकर्ताओं की होती है। फिर परसेप्शन लेवल पर चाहे पार्टी जो कर ले, अगर वोटिंग डे संभालने वाले सिंक्रोनाइज नहीं होंगे तो चुनाव आसान नहीं।

यूं लगा ज्यों शाह राज्य के नेताओं को अपने से कमतर और राजनीतिक नौसिखुआ मानते हैं। अपने हठ को अधिक बड़ा बना लिया जाए तो वह अहंकार हो जाता है। चुनावी फॉर्मूले सदा ही एक से कहीं नहीं चलते। छत्तीसगढ़ में गुजरात का फॉर्मूला लगाकर जीत का रास्ता निकालने की कोशिश मौलिक कोशिश नहीं कही जा सकती।

छत्तीसगढ़ में एक तरफ जहां कांग्रेस का किसान कॉम्बो पहले से ही भाजपा पर भारी पड़ रहा हो तो अच्छी, सुलझी, संवेदनशील और सावधानी के साथ बनाई गई रणनीति ही सहारा हो सकती है। ऐसे में अमित शाह का डॉ. रमन सिंह के नामांकन में शामिल होना भाजपा कार्यकर्ताओं को मुंह चिढ़ाने जैसा लग रहा है।

अब या तो अमित शाह प्रदेश के बाकी बचे बड़े नेता ओपी चौधरी, अरुण साव, नारायण चंदेल, विजय बघेल, बृजमोहन अग्रवाल के नामांकन में भी शामिल होने छत्तीसगढ़ आएं या फिर समझें कि भाजपा का कार्यकर्ता उनके इस कदम को अपनी उपेक्षा मान रहा है।

UNA में खबरों का सटीक विश्लेषण निरंतर जारी है..

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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