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पाकिस्तान से संबंधित 150 आतंकवादी संगठनों, व्यक्तियों का नाम संयुक्त राष्ट्र ने काली सूची में डाला

संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद (यूएनएससी) की 1267 इस्लामिक स्टेट (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 वर्षीय मक्की को सरकारी एजेंसियों की सूची में शामिल किया।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अब तक पाकिस्तान पर आधारित या पाकिस्तान से संबंधित करीब 150 आतंकवादी संगठन और व्यक्तियों के नाम काली सूची में जा चुके हैं, जिसमें नवीनतम नाम लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की का है, जिसे सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने आतंकवादी घोषित किया है। संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद (यूएनएससी) की 1267 इस्लामिक स्टेट (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 साल की मक्की को सरकारी एजेंसियों की सूची में शामिल किया।

इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति ज़ब्त करने पर, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी रोक लगाने का प्रावधान है। इसके लिए भारत और उसके सहयोगी देश वर्षों से प्रयास कर रहे थे। अल-कायदा प्रतिबंध समिति की सूची के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र द्वारा अब तक काली सूची में लगभग 150 आतंकवादी संगठन और व्यक्ति या तो पाकिस्तान स्थित हैं, या उनके देश में संबंध हैं या वे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र से संचालित हैं।

काली सूची में पाकिस्तान स्थित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेता और मुंबई सेक्टर हिट्स के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, लश्कर के शीर्ष कमांडर और 26/11 के मुंबई स्थित प्रभाव के प्रमुख साजिशकर्ता जकी-उर रहमान लखवी, पाकिस्तान स्थित जैश-ए -मोहम्मद संस्था के संस्थापक मसूद अजहर और भगोड़े अंडरवर्ल्ड इब्राहिम का नाम भी शामिल है।

जमात उद दावा/लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक मामलों के प्रमुख और लश्कर सरगना हाफिज मुहम्मद सईद के रिश्ते मक्की को वैश्विक नजर की सूची में शामिल करने का प्रयास पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन द्वारा 16 जून 2022 को भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर रोक-टोक के सात महीने बाद सफल हुआ है, क्योंकि इस बार बीजिंग ने अड़ंगा नहीं लगाया। किसी व्यक्ति या संगठन को 1267 प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का निर्णय से लिया जाता है।

15 सदस्यों की सुरक्षा परिषद ने अल-कायदा प्रतिबंध समिति बनाई है, जिसमें स्थायी सदस्य वीटो का अधिकार रखने वाला एकमात्र देश था, जिसने मक्की को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को निर्धारित किया था। पिछले साल जून में भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर चीन द्वारा रोक के बाद 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को सूचीबद्ध करने पर संपार्श्विक नहीं बनी थी। समिति के निर्देश के अनुसार, कोई सदस्य निर्णय पर रोक किसी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए अधिक समय का अनुरोध कर सकता है। किसी मामले पर रोक की अवधि में उस मामले पर रोक की अवधि में अनुमान ”लंबित” माना जाता है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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