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ब्रिटेन को यूक्रेन का भारी समर्थन, हजारों ब्रिटिश सैनिकों ने छोड़ी सेना नौकरी यूके को भारी पड़ा यूक्रेन का समर्थन, ब्रिटिश सैनिकों ने ही कर डाला ये खतरनाक खिलाफत

ब्रिटिश सैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi

छवि स्रोत: फ़ाइल
ब्रिटिश सैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)

ब्रिटेन यूक्रेन के समर्थन का खामियाजा भुगत रहा है: रूस-यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति जेलेंस्की का समर्थन करने वाले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि को इतना भारी पड़ गया था कि जिसके बारे में वे सपने नहीं देख रहे होंगे। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने ही ऋषि सुन यूक्रेन की यात्रा पर गए थे और राष्ट्रपति जेलेंस्की को युद्ध में हर तरह की मदद की गारंटी दी थी। इसके बाद उन्हें सैन्य उपकरण की बड़ी मदद भेजी जा सकती थी। एक बार फिर टैंक की खराबी से जूझ रहे यूक्रेन को ब्रिटेन ने चैलेंजर 2 टैंक का वादा किया है। मगर इसका बहुत बड़ा खामियाजा ब्रिटेन को छोटा पड़ रहा है। ब्रिटेन के अपने ही सैनिकों ने इसका एक बड़ा बगावत कर दिया है। सैनिकों के इस कदम से प्रधानमंत्री ऋषि भी हैरान रह गए।

संडे मेल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करने के बाद ब्रिटिश सशस्त्र बलों में भर्ती संख्या में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। काफी सैनिकों ने कम वेतन और रहने की खराब स्थिति का रंग करके सेना की नौकरी छोड़ दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 16 हजार से अधिक ब्रिटिश सैनिकों ने नौकरी छोड़ी है। इस साल भी जीने की खराब स्थिति और पेंशन कम की संभावनाओं के बीच हजारों से अधिक ब्रिटिश कर्मचारियों ने सेना की नौकरी छोड़ दी है। अभी भी बहुत से सैनिक नौकरी छोड़ रहे हैं। इससे ब्रिटेन की सरकार के सामने बहुत ही जुड़ाव और संकटपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है।

16 घंटे के रोज़गार मात्र 12 हज़ार भर्तियाँ

रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश सेना से 16 हजार मजदूरों ने नौकरी छोड़ी, लेकिन उनकी जगह लेने के लिए सिर्फ 12 हजार जवान ही आए। ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन का समर्थन किए जाने के कारण अब सैनिक ब्रिटिश सेना में भर्ती होने में अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। मौजूदा नौकरी पर नौकरी पर विचार कर रहे हैं। यह हाल तब है जब हाल के वर्षों में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने अभियान अभियान पर 70 मिलियन डॉलर का खर्चा किया है। मेल ने रविवार को खुलासा किया कि इस सर्दी में सैकड़ों ब्रिटिश सैन्य कर्मियों को गर्म पानी भी नहीं मिल रहा है। उनके सैन्य आवास में खराब स्थिति को लेकर भारी है। आंकड़ों के दावे हैं कि पिछले आठ महीनों में दावा की शिकायत को लेकर रक्षा मंत्रालय रखरखाव रखरखाव से हजारों बार संपर्क किया गया है। ब्रिटेन के सैनिक वेतन वृद्धि नहीं होने से भी परेशान हैं। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन में कलररूट्स को £16,500 और निजी लोगों को £21,400 डॉलर का भुगतान किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘सशस्त्र बलों की भर्ती संख्या रक्षा के लिए अपनी कार्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।’

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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