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यूक्रेन युद्ध: वसंत ऋतु के आगमन पर बखमुत शहर में आर-पार की लड़ाई

इस दौरान 1941 में मॉस्को नेनाजी को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। यह मौसम किसी पर रहम नहीं करता। कई बार सोवियत सेना ने भी इसकी मोर्चाबंदी की और उसके अभियान पर पानी फिर गया। वसंत का मौसम कितना महत्वपूर्ण है, इसे समझने के लिए बहुत पुराने इतिहास खंगालने की जरूरत नहीं है।

लंदन। यूक्रेन में ठंड का मौसम खत्म हो रहा है, ऐसे में रूस बखमुत शहर पर कब्जा करने के मुख्य लक्ष्य के साथ डोनबास क्षेत्र में पहुंचकर कैसे आगे बढ़ रहा है। बखमुत शहर के क्षेत्रीय परिवहन केंद्र के रूप में तो कुछ (सीमित) रणनीतिक महत्व है, लेकिन प्रतीकात्मक और भौतिक रूप से यह इतना कीमती नहीं है, जिसके लिए रूस जी-जान रहा है। रूसी सेनाएं शहर में एक ही क्षेत्र में एक कर आगे बढ़ रही हैं, लेकिन मामूली वृद्धि के कारण भी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। इस बीच, मौसम भी अपनी भूमिका निभा रहा है।

यूक्रेन में व्लादिमीर व्लादिमीर के इस विशेष अभियान को एक साल पूरा हो गया है, ऐसे में रूसी सेनाएं अब भी किसी निर्देश का सामना कर रही हैं, जिसके चलते 2022 में उन्हें शुरुआती बढ़त पर पानी फिर गया था। इतिहास गवाह है कि इस क्षेत्र में सर्दियों का मौसम खत्म होने पर सैन्य अभियान की गति निर्धारित की जाती है। अतीत में, ‘रासपुतित्सा’ (बर्फ पर लिपट जमा होने का समय) मंगोलों और नेपोलियन की विशाल सेना के लिए विनाश लेकर आया था। यहाँ तक कि द्वितीय विश्व युद्ध में भी ‘रासपुतित्सा’ नेमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इस दौरान 1941 में मॉस्को नेनाजी को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। यह मौसम किसी पर रहम नहीं करता। कई बार सोवियत सेना ने भी इसकी मोर्चाबंदी की और उसके अभियान पर पानी फिर गया। वसंत का मौसम कितना महत्वपूर्ण है, इसे समझने के लिए बहुत पुराने इतिहास खंगालने की जरूरत नहीं है। पिछले साल सर्दी के मौसम और रूसी थलसेना की खराब स्थिति के कारण रूस के मुख्य राजमार्गों के माध्यम से कीव पर शुरुआती हमले हुए थे। रूसी सेनाएं जब यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रही थीं, तो उन्होंने हाइवे पर यात्रियों की आशंका के मद्देनजर बड़ी संख्या में टैंक और अन्य साजो-सामान का फैसला लिया था।

इस दौरान रूसी सेना के कई वाहन नष्ट हो गए या उन्हें बलिदान दिया गया। ऐसे में यह कहना उचित होगा कि मौसम के कारण शुरुआत में रूस कोनिसंदेह विफलता का सामना करना पड़ा। एक साल बाद, एक साल पहले आईस ग्रसित होने के कारण सीज़र में कीचड़ हो गया फिर से रूसी कार्रवाई को प्रदर्शित कर रहा है। आक्षेप, रूसी सेना उन पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां वे पहुंच सकते हैं और वास्तविक रूप से हमला कर सकते हैं। हेडहेड (वह स्थान जहां सैन्य साजो-सामान उड़ान और वितरण किया जाता है) के काफी करीब होने और सड़क मार्ग की उपस्थिति के कारण बखमुत रूसी परिप्रेक्ष्य के अनुसार अपेक्षाकृत संभव है।

यह पूर्व पंक्ति उन कुछ स्थानों में से एक है जहां रूस खराब मौसम में प्रभावी रूप से साजो-सामान की आपूर्ति कर सकता है, यही कारण है कि पूरी सर्दी और अब वसंत ऋतु में यहां दोनों ओर से हमले तेज हो गए हैं। बखमुत से रूस के पीछे जो भी कारण हो, लेकिन यहां छिड़ी लड़ाई यूक्रेन के लिए भी प्रत्यक्ष दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अपने शीर्ष जनरलों के साथ परामर्श के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिम जेलेंस्की ने और अधिक सैनिकों बखमुत को देने का आदेश दिया है। बखमुत में आगे चलकर जो कुछ भी हो, लेकिन एक बात साफ है कि ‘रासपुतित्सा’ काल समाप्त होने के बाद इस शहर में लड़ाई और मजबूती होगी। अप्रैल के अंत तक रूस और यूक्रेन का गर्म, शुष्क मौसम का लाभ उठाने की कोशिश करेगा।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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