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उदयपुर शिल्पग्राम महोत्सव 21 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है देश भर के लगभग 1800 शिल्प लोक कलाकार प्रदर्शन करेंगे।

उदयपुर समाचार: झीलों की नगरी एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम काम करने के लिए तैयार है। शहर में बुधवार से 10 दिवसीय शिल्पग्राम महोत्सव शुरू हो रहा है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज संकलन की शुरुआत होगी। 10 दिवसीय महोत्सव के दौरान 800 शिल्पकार और 1000 लोक कलाकार स्वयं की कलाकार का मनमोहक प्रदर्शन करेंगे।

10 दिन के दौरान किस राज्य के कलाकार किस कला का मंचन करेंगे

शिल्पग्राम उत्सव में सेनेटरी भी धूम मचाते हैं, जो वर्क मार्केट में बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होते हैं वहां आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे सामान स्टॉल पर पूरी तरह से सजी दिखाई दे रहे हैं। शिल्पग्राम महोत्सव में शामिल होने वाले लोग खुद की पसंद की शेयर खरीद भी सकते हैं। यह मेला 21 दिसंबर से आज से शुरू होकर 30 दिसंबर को समाप्त होगा।

इस बार सहभागियों की संख्या पर पाबंदी नहीं है
बड़ी बात यह है कि कोरोना काल के बाद अब यह फेयर फ्रैंक आयोजित हो रहा है। पिछला साल जरूर हुआ था लेकिन लिमिट में प्रवेश कर लिया था। साथ ही हर कार्यक्रम पैक मिरर सभागार में हुए थे। सभागार में सीमित संख्या में लोगों को प्रवेश दिया गया था। इस बार कोई पाबंदी नहीं लगी है। सभी कार्यक्रम खुले काशी थिएटर पर होंगे, जो मेले में घूमने वाला हर व्यक्ति आसानी से देख लेता है।

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शिल्पग्राम मेले में इन राज्यों के कलाकार पहुंचे हैं
शिल्पग्राम उत्सव में रहस्य के कई राज्यों से कलाकार आते हैं जो अपनी संस्कृति और सभ्यता पर कलाओं पर आधारित का मंचन करेंगे। मुक्तकाशी थिएटर पर शाम 6 बजे से प्रस्तुति शुरू होगी। इसके अलावा, पूरे दिन पूरे मेले में जगहों को चिन्हित करने से आने वाले कलाकार खुद की कला का मंचन करेंगे।

शिल्पग्राम मेले में राजस्थान, गुजरात, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के कलाकार आते हैं। इसमें पहले दिन आज विशेष प्रस्तुतियां होंगी जिसमें असम का ढाल थुंगड़ी, छत्तीसगढ़ का कर्मा नृत्य, गोवा का सई नृत्य, पश्चिम बंगाल का खोल वादन, पंजाब का भांगड़ा, गुजरात का डांग, महाराष्ट्र का लावणी व कोली, सिलवास का चश्मा नृत्य, कश्मीर काफ राज, राजस्थान का रैंगर, पश्चिम बंगाल का छऊ, उड़ीसा का गोटीपुवा, गुजरात का गरबा व राजस्थान का गैर नृत्य है।

हर रोज अलग-अलग थीम पर कार्यक्रम होगा
शिल्प ग्राम महोत्सव के दौरान हर रोज अलग-अलग थीम पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 21 को संगम, 22 को एक भारत श्रेष्ठ भारत, 23 महाराष्ट्र दिवस, 24 को गुजरात डे, 25 को राजस्थान डे, 26 को गोवा डे, 27 को नृत्यम, 28 को स्वरांजलि, 29 को लोकधारा और 30 को झंकार थीम पर कार्यक्रम होगा।

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