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आरपीएस जितेंद्र आंचलिया 3 दिन की एसीबी रिमांड पर उदयपुर एनआरआई केस सिराज गैंग अरेस्ट व डीआईजी आलोक त्रिपाठी विवाद

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डीएसपी जितेंद्र आंचलिया को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया था
आरपीएस आचंलिया अपनी सर्विस की शुरुआत से ही कई कनेक्शन में रह गए हैं
आंचलिया पर टूटने के एक एनआरआई कोडर धमका कर रुपये हड़पने का आरोप है

तैयार। भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए आरपीएस जितेंद्र आंचलिया (RPS Jitendra Anchaliya) को ACB ने कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आंचलिया सहित अन्य चार झटकों को शुक्रवार रात को गिरफ्तार करने के बाद शनिवार सुबह न्यायालय में पेश किया। वहां से कोर्ट ने सभी दस्तावेजों को सोमवार तक ACB (ACB) की टीम को रिमांड पर सौंप दिया है। आरपीएस ऑफिसर जितेंद्र आंचलिया अपनी नौकरी के शुरुआती दौर से ही चर्चा में हैं। उन्होंने करीब 20 साल पहले अपने ही विभाग के खिलाफ एक प्रेस कांफ्रेंस कर दिग्भ्रमित कर उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसी समय से जितेंद्र आंचलिया काफी चर्चित हैं। जितेंद्र आंचलिया ने जब अपने ही विभाग के दलित आलोक त्रिपाठी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उस समय वे सभी इंस्पेक्टर थे।

राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी जितेंद्र आंचलिया कुख्यात बदमाश सिराज कोच के मामले में भी काफी चर्चा में रहे थे। सिराज और बाबू मेवाती के गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए डीक्रिप्ट माफियाओं के रूप में गैंगवार को बढ़ाया जा रहा था। उसी दौरान जितेंद्र आंचलिया ने अपनी टीम के साथ सिराज को सिंघम के अंदाज में गिरफ्तार कर लिया था। इस कार्रवाई के बाद जितेंद्र आंचलिया की पुलिस महकमे में धमक बढ़ने लगी। लगातार एक के बाद एक वे शराब माफियाओं समेत अन्य बड़े कारवाइयों को अंजाम देने लगे थे।

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डेटाजी आलोक त्रिपाठी पर लगाए गए थे गंभीर आरोप
बताया जाता है कि जितेंद्र आंचलिया के लगातार बढ़ रहे कद से महकमे में ही उनके दुश्मन भी बढ़ने लगे। एक बार ऐसा हुआ जब यह दुश्मन आर पार की हद तक बढ़ गया। इस दौरान जितेंद्र आंचलिया ने ब्रेकर के विभिन्न थानों में कुछ एस लिस्ट से फोन पर बात कर अपनी रिकॉर्डिंग कर ली। उसके बाद होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस रिकॉर्डिंग की सीडी जैरापिट के सामने साझा की गई थी। इसमें शामिल दस्तावेजी आलोक त्रिपाठी पर गायों के चार के नाम पर पैसे लगाने के गंभीर आरोप लगाए गए थे।

सीआई बनने के बाद भी वीडियो से लंबा नाता आर्शिवाद रहा
इस पूरे प्रकरण में विभागीय जांच बैठी। जांच टीम ने सीडी में जिन लोगों ने जानकारियां देते हुए बात की थी उनसे भी पूछताछ की। हालांकि बाद में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और फिर जांच के दौरान सभी को क्लीन चिट मिल गई। जितेंद्र आंचलिया जब सब इंस्पेक्टर से किलक इंस्पेक्टर बन गए तब भी विवाद उनके इर्द-गिर्द चक्कर रहे। रामलाल नाम के एक सम्मानित ने एक मामले में परिवादी को एस सर्किट तक पहुंचने की बात कहकर रिश्वत की मांग की थी। उसकी रिकॉर्डिंग हो गई है। उस दौरान जितेंद्र आंचलिया सूरजपोल थाने के एस स्नैपशॉट थे।

आंचलिया ठीक हो गईं और फिर से मैसेज कर दिए गए
उस मामले में जितेंद्र आंचलिया के खिलाफ विभागीय जांच हुई। हालांकि वे भी बहाल हो गए। यही नहीं कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में कई बुलेटिनों पर गज की तस्वीरें थीं। शामिल जितेंद्र आंचलिया भी शामिल थे। कन्हैया हत्याकांड मामले में एपीओ होने के बाद फिर जब जितेंद्र आंचलिया बहाल हुए तो एएसबी की ओर से दर्ज किए गए न होने के कारण जुड़े मामले में फिर आंचलिया को सस्पेंस दे दिया गया। अभी भी जितेंद्र आंचलिया वीडियो चल रहे थे। जमीन के इसी मामले में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए आरपीएस जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल सहित राकेश राठौड़ और मनोज श्रीमाली को गिरफ्तार किया है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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