राजस्थान राजनीति: राज्य के अशोक गहलोत (अशोक गहलोत) की मुफ्त राशन किट देने के लिए राजस्थान की अवसरवादी योजना पर विवाद हो गया है। राजस्थान सरकार के भोजन विभाग से इस योजना का दिखावा राजस्थान राज्य सहबद्ध उपभोक्ता संघ लिमिटेड (CONFED) को दिया जाता है। कॉनफैड को दिए गए काम पर जाने वाले भोजन और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (प्रताप सिंह खाचरियावास) ने कारण बताया है।
‘मेरे विभाग को बंद कर दें’
खाचरियावास ने कहा, ‘मेरा विभाग का काम दूसरे को दिया गया है। ऐसे में मेरे विभाग की आवश्यकता कहाँ है। मेरे विभाग को बंद कर दें। मैं मुख्यंत्री से बात करूंगा।’ माननीय मंत्री ने कहा, ‘कनफैड खुद क्या काम कर रहा है, पहले वह देख ले। किससे और क्या तकलीफ हुई, इससे मेरे विभाग का काम दूसरे को दे दिया गया। पहले यह पता चला कि समस्या क्या है। पहले योजना विभाग के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया गया और अब कनफैड चलाया जाता है। कॉनफैड की तो पहले से बहुत ज्यादा चैटिंग करते हैं। वह अपना काम ठीक से कैसे नहीं कर पा रहा है। उसे राशन किट बांटने का काम कैसे दिया जा सकता है?’
‘मेरे विभाग का काम दूसरे को कैसे दिया’
खाचरियावास ने आगे कहा, ‘मेरा विभाग ज्यादा अच्छी तरह से राशन किट बांटने का काम कर सकता है। राशन का जेनहू वितरण करने की पूरी प्रक्रिया मेरा विभाग संचालित करता है। पीओएस मशीन से राशन का जेनहू दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तो बजट ही पास नहीं हुआ। विधानसभा सत्र चल रहा है। बिना विधानसभा के विश्वास के लिए कोई कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि योजना का काम मेरे विभाग से लिया गया है, इसका कारण तो पूछना ही होगा। इस तरह से एग्जीक्यूटिव एजेंसियां नहीं ली जाती हैं। मेरे विभाग के नाम से योजना घोषित हुई थी। मेरे विभाग से संबंधित दूसरे विभाग को कैसे काम दिया जा सकता है।’ वहीं सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना (उदय लाल अंजना) कॉनफैड के पास यह काम रखने को लेकर लाबिंग में जुटे हैं। अजना खाचरियावास के विभाग की कमी उच्च स्तर तक पहुंच रहे हैं।
मुफ़्त राशन किट में क्या-क्या होगा?
मुफ्त राशन किट वितरण योजना के लिए 3 हजार करोड़ का बजट रखा गया है। राशन किट में तेल, काली मिर्च पाउडर, धनिया, हल्दी, जीरा, नमक, विस्तृत रसोई में काम आने वाले अन्य सामान होंगे। एक किट पर करीब 400 रुपये की लागत आएगी। मुख्यमंत्री ने बजट में इस योजना की घोषणा की थी। एक अप्रैल से राशन लेने वाले हर परिवार तक यह किट पहुंचाने की तैयारी है। यह राशन किट हर महीने करीब एक करोड़ को मिलेगी, जिनकी खाद्य सुरक्षा योजना पूरी होती है।
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