दिल्ली कुत्ता काटने का मामला: राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों के आतंक से है। कुत्तों ने दो दिनों में हमला कर एक ही परिवार के दो राक्षसों की जान ले ली। बच्चों की मौत के बाद परिजनों में मातम पसरा है। दुखद पहली घटना 10 मार्च को दक्षिणी दिल्ली के बसंत कुंज इलाके में सिंधी कैंप की है। आवारा कुत्तों ने 7 वर्षीय आनंद पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। सिंधी कैंप का पूरा इलाका झुग्गी में घुस गया है। जंगल के जमीन पर गरीब मजदूर झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। गरीब माता-पिता के पूर्वजों के कुत्तों ने नोच-खसोट कर जान ले ली।
दो दिनों में दो बच्चे बने आवारा कुत्तों का निवाला
7 वर्षीय आनंद की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आवारा कुत्तों के आतंक की दूसरी घटना 12 मार्च की है। 5 कथा आदित्य झुग्गी के बाहर शौच को गया था। रिटर्न में कुत्तों का झुंड आदित्य पर टूट पड़ा। कुत्तों के हमले से आतंकित जीव जमीन पर गिर जाता है। गिरने के बाद आवारा कुत्तों ने मासूम की काटकर जान ले ली. दुखद घटना झुग्गी स्थिति के बगल में फॉरेस्ट लैंड की है। दो दिनों में कुत्तों के काटे जाने से हुई दो मौतें पर मातम पसरा है।
सांसद और निगम में आरोप-प्रत्यारोप शुरू
इलाके के लोग आवारा कुत्तों के आतंक से बाहर निकलने में सतर्क हैं। घटना की जानकारी पर सांसद और निगम सदस्य पुराने रागपने लगे। दोनों ने आरोप-प्रत्यारोप के जरिए पल्ला झाड़ने की कोशिश की। जूठेब है कि आंतकी कुत्तों का झुण्ड मंदराते रहता है। नगर निगम की तरफ से कुत्तों को पकड़ने की व्यवस्था नहीं है। स्थानीय लोग नगर निगम की जेसी में है। उनका कहना है कि आतंकियों से कुत्तों को पहले ही हटा दिया गया तो दो दिन में दो मासूम आज दुनिया में जीवित होते हैं।
दिल्ली में पानी की गुणवत्ता: दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर एलजी ने अटके सवाल, आप ने पलटवार किया