UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर. संभाग के सबसे बड़े मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल अपोलो में आयुष्मान योजना से मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। इसके चलते गरीब मरीजों को अस्पताल की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज करने की सहमति दी थी।
इसके तहत मरीजों का उपचार किया जा रहा था, लेकिन एक दिसंबर से मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज करना भी बंद कर दिया है। इसके चलते अब अपोलो अस्पताल में इस योजना के तहत डायलिसिस जैसी अति महत्वपूर्ण सेवाओं को बंद कर दिया गया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर गंभीर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे विधायक शुक्ला
डायलिसिस बंद करने से परेशान मरीज और उनके परिजनों ने सोमवार को बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से शिकायत की और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज बंद करने की जानकारी दी। इससे नाराज विधायक शुक्ला अपोलो हॉस्पिटल पहुंच गए।
इस दौरान उन्होंने प्रबंधन से चर्चा की और दो टूक कहा कि जब शासकीय योजनाएं इस अस्पताल में लागू नहीं हो सकती, शासकीय योजनाओं का फायदा क्षेत्र की जनता को नहीं मिल सकता तो शासकीय जमीन पर बने अपोलो अस्पताल को भी अस्पताल खाली कर देनी चाहिए।
विधायक की नाराजगी देखकर अपोलो अस्पताल भी सरेंडर मोड में नजर आया और डायलिसिस की सेवा जारी रखने पर सहमति जताई।
अस्पताल प्रबंधन ने शासन से राशि नहीं मिलने दी जानकारी
इस दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि आयुष्मान योजना के तहत पिछले पांच साल से किए गए इलाज का फंड उन्हें नहीं मिला है, जिसकी वजह से शासन से करोड़ों रुपए बकाया है। इस पर विधायक शुक्ला ने कहा कि इस बात के लिए आप लोगों ने प्रशासनिक और राजनैतिक स्तर पर अब तक पहल क्यों नहीं की है।
विधायक शुक्ला ने कहा कि मुझसे पहले भी यहां विधायक रहे हैं, सांसद रहे हैं, यहां के सांसद अब डिप्टी सीएम बन चुके हैं। केंद्रीय मंत्री भी बिलासपुर जिले से हैं आप लोगों को पत्राचार कर या व्यक्तिगत मुलाकात कर हमें अपनी परेशानियों से अवगत करवाना चाहिए।
समय रहते हम भी यथोचित प्रयास कर सके और मरीज का कोई अहित न हो इस दिशा में सार्थक पहल कर सके। लेकिन, फंड नहीं मिलने के बहाने इलाज बंद करना बिल्कुल गलत है।
MLA की दो टूक चेतावनी- आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं की तो होगा आंदोलन
विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि अपोलो अस्पताल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान योजना के तहत इलाज की सुविधा नहीं देने की शिकायतें मिल रही थी। लेकिन, अब आयुष्मान के तहत डायलिसिस जैसी सुविधा को भी बंद कर दिया गया है। जिस पर आपत्ति दर्ज की गई है।
इसके साथ ही आयुष्मान योजना के तहत सभी इलाज अपोलो अस्पताल में लागू हो, अन्यथा अपोलो प्रबंधन शासकीय भूमि और भवन छोड़ दे। मरीजों के इलाज में अपोलो अस्पताल किसी तरह से हीलहवाला न करें, नहीं तो प्रबंधन के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रशासन से मांग की जाएगी। साथ ही अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की जाएगी।