UNITED NEWS OF ASIA. भारत के छठवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 32वीं पुण्यतिथि है। आज उनकी पुण्यतिथि पर पूरा देश उनका स्मरण कर रहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी उन्हें याद करते हुए लिखा – पापा, आप मेरे साथ ही हैं, एक प्रेरणा के रूप में, यादों में, सदा!
वहीँ प्रियंका गांधी ने हरिवंश राय बच्चन की एक कविता लिखी – दृग देख जहाँ तक पाते हैं, तम का सागर लहराता है,
फिर भी उस पार खड़ा कोई हम सब को खींच बुलाता है!
मैं आज चला तुम आओगी, कल, परसों, सब संगीसाथी,
दुनिया रोतीधोती रहती, जिसको जाना है, जाता है।
मेरा तो होता मन डगडग मग, तट पर ही के हलकोरों से!
जब मैं एकाकी पहुँचूँगा, मँझधार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में वीर भूमि पर पूर्व पीएम राजीव गांधी को उनकी 32वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल ने लिखा – देश में आधुनिकता के प्रतीक पुरुष, उन्नति और नवनिर्माण के पर्याय, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व. राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर हम सब कोटि-कोटि नमन करते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में वीर भूमि पर पूर्व पीएम राजीव गांधी को उनकी 32वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल ने लिखा – देश में आधुनिकता के प्रतीक पुरुष, उन्नति और नवनिर्माण के पर्याय, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व. राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर हम सब कोटि-कोटि नमन करते हैं।
राजीव जी ने युवा प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। उनकी नवोन्मेषी और दूरदर्शी युवा सोच के कारण भारत में सूचनाक्रांति आई जिसने देश को एक नई गति और दिशा दी। उनकी पहल के प्रभाव के रूप में आज हम ई-प्रशासन का वर्तमान स्वरूप और शासकीय कामकाज में पारदर्शिता देख पा रहे हैं। डिजिटल इंडिया की नींव राजीव जी के कार्यकाल में ही रख दी गई थी।
राजीव जी ने ही पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों को अधिकार संपन्न बनाकर देश की नींव मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मतदान की आयु 21 से घटाकर कर 18 वर्ष में ही युवाओं को मत देने का अधिकार दिलाया। विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देकर उन्होंने देश में उद्योगों के लिए नए रास्ते खोले। वास्तव में राजीव जी आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा थे।
राजीव जी आतंकवाद के आगे नहीं झुके और देश के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं की। उनके सम्मान में और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी पुण्यतिथि 21 मई को पूरा देश आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाता है। आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार की जड़ें समाप्त कर देश और प्रदेश में प्रगति के लिए सबका संकल्प और कार्य ही राजीव जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।