
खराब और खराब खराब का परिणाम है अर्थराइटिस। इसके कारण हड्डियों में सूजन, जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। जोड़ों को मजबूत रखने के लिए हमें बचपन से ही कनेक्शन पर ध्यान देना चाहिए। भोजन में विटामिन की कमी से बॉंस और कार्टिलेज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके लिए आर्थराइटिस जैसे कॉम्पटीशन से बचाव के लिए सचेत रहना चाहिए। हमें विटामिन और इसकी बोन हेल्थ के लिए कितना जरूरी है, इसके लिए हमने बात की गाजियाबाद के मनिपाल हॉस्पिटल में डाइटीशियन डॉ. अदिति शर्मा से।
आर्थराइटिस अवेयरनेस मंथ (गठिया जागरूकता माह-मई)
जागरूकता की कमी में लोग अर्थराइटिस के प्रति सबसे अधिक भ्रम के शिकार होते हैं। World Health Argenisation के अनुसार, गठिया या गठिया से संबंधित 100 से अधिक रूप हो सकते हैं। यह बहुत जरूरी है कि बड़ों की तरह बच्चों को भी गठिया हो सकता है। आर्थराइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर साल मई माह में आर्थराइटिस जागरूकता माह मनाया जाता है।
बचाव के लिए जरूरी हैं विटामिन (गठिया के लिए विटामिन)
डॉ. अदिति कहते हैं, ‘विटामिन डी (विटामिन डी) और विटामिन के (विटामिन के) हड्डियों को स्पष्ट करता है। विटामिन के कार्टिलेज कम्पोजिशन में शामिल होता है। इन दोनों विटामिन की कमी होने पर विटामिन (विटामिन सप्लीमेंट) भी लिया जा सकता है। रिकार्डो डॉक्टर की निगरानी में लेना तभी सुरक्षित हो सकता है।’
1 विटामिन बी 12 का योगदान (गठिया के लिए विटामिन बी 12)
डॉ. अदिति के अनुसार, विटामिन बी 12 की कमी का प्रभाव भी हड्डियों पर पड़ सकता है। समग्र स्वास्थ्य के लिए इसमें शामिल होना अनिवार्य है। जिन लोगों को ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस है, यह पेन पकड़ और भविष्य के स्वास्थ्य को रोकने में मदद कर सकता है। क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस (रुमेटाइड आर्थराइटिस) के लिए कुछ संबंधित उत्पादों में ग्लाइकोसामाइन और कोंड्रोइटिन, ओमेगा 3 काफी एसिड, एसईएम-ई और करक्यूमिन भी होते हैं।
2 मछली का तेल (मछली का तेल)
फिश आयल में पोलीअनसैचुरेटेड ओमेगा-3 युक्त एसिड पाया जाता है। इसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ओमेगा 3 कैल्शियम ऑस्टियोआर्थराइटिस की तुलना में रूमेटाइड गठिया के लिए बेहतर काम करता है। ओमेगा 3 जोड़ों के दर्द, जकड़न और सूजन को कम कर सकते हैं। अलसी और चिया सीड्स जैसे प्लांट बेस्ड फूड में भी ओमेगा-3 होता है। यह शॉर्ट-चेन अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के रूप में होता है। फिश आइल लार्ज चेन वाला ओमेगा 3 काफी एसिड है। इसलिए यह अधिक लाभ है। शाकाहारी लोग पौधा आधारित आहार ले सकते हैं।
3 करक्यूमिन (करक्यूमिन)
हल्दी में सक्रिय कंपाउंड करक्यूमिन पाया गया है। यह एंटी-इन्फ्लेमेट्री एजेंट के रूप में काम करता है, जो सूजन को बढ़ावा देने वाले एंजाइम को अवरुद्ध करता है। करक्यूमिन का नकारात्मक पक्ष यह है कि इसे शरीर द्वारा अवशोषित करना कठिन होता है। यह डाइट के स्रोत के साथ है लिया जा सकता है।
4 काली मिर्च (गठिया से बचने के लिए खाद्य पदार्थ)
कुछ गड़बड़ियों में काली मिर्च का अर्क पिपेरिन भी भेजा जाता है। यह विटामिन का अवशोषण ग्रहण करता है, जिससे हड्डियों को लाभ मिलता है। हालांकि अधिक पिपेरिन जिगर की क्षति का कारण भी बन सकता है।

5 ग्लूकोसमाइन और कोंड्रोइटिन
गठिया के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले योजक ग्लूकोस माइनिंग और चोंड्रोइटिन हैं। ये कार्ट्रिज को स्ट्रॉन्ग मेक देते हैं और जॉइंट्स के रिश्ते में आते हैं। यदि आप दस्तावेज आजाना चाहते हैं, तो उन्हें गठिया की दवाओं के अतिरिक्त के रूप में उपयोग करें। इन्हें दवाओं के स्थान पर कभी नहीं लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह आपके लिए सही है और आप एक सुरक्षित संगति और उसका डोज ले रहे हैं। कोई भी नया संबंध बनाने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें।
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