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अकड़न से छुटकारा पाने के लिए करें इन 4 योगासनों का अभ्यास। – शरीर की अकड़न दूर करने के लिए करें इन 4 योगासनों का अभ्यास।

आमतौर पर लोग रात को लेट कर बिस्तर पर लेट जाते हैं। ऐसे में शरीर में थकान बनी रहती है। वहीं कुछ लोग पूरी रात एक ही मुद्रा में सोए रह जाते हैं जिसकी वजह से भी शरीर अकड़ जाता है। दूसरी ओर कुछ लोगों में अजीबोगरीब मुद्रा में सोने की आदत होती है। हालांकि, इसकी खबर उन्हें नहीं लगी कि नींद में उनके टूटने की वजह से शरीर में अक्सर अकड़न आ जाती है। ऐसी स्थिति में जब लोग उठते हैं तो उन्हें शरीर में अजीब सा दर्द महसूस होता है और वैसे ही अनुभव होता रहता है। तो आप भी इन्हीं में से एक हैं? यदि हां, तो चिंता न करें! क्योंकि यह आसानी से स्थापित हो सकता है।

रोज सुबह बढ़ते हुए एक टम्बलर पानी पिएं और 10 से 15 मिनट इन 4 योगासनों का अभ्यास करें। यह बॉडी स्ट्रेचिंग में आपकी मदद करेगा। इसके अभ्यास से आप पूरे दिन तरोताजा और ऊर्जावान बने रहेंगे। साथ ही यह आपके अफसोस और अफ़सोस को भी कम कर देता है। इनके अभ्यास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाया जाता है और मांसपेशियों में खिंचाव फैलाया जाता है। किस वजह से बॉडी एक्टिविटी होती है। तो जानिए, इन चार योगासनों के बारे में साथ ही जानेंगे इन्हें करने का सही तरीका।

इन 4 योगासनों से करें स्ट्रेचिंग और स्टिफनेस से राहत (शरीर की जकड़न के लिए योग)

1. बालासन (बाल मुद्रा)

सुबह-सुबह पेल्विस, थाई, हिप्स और स्पाइन सभी अकड़ जाते हैं, ऐसे में बालासन का अभ्यास इन्हें फैलाता है और आराम देता है। साथ ही दिमाग को भी तनाव और थकान से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।

इस तरह करें बालासन का अभ्यास

सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में योगा मैट या फिर बेड पर बैठें।

फिर एक गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथों को आगे की ओर खींचें।

सांस लेते हुए कमर के हिस्से से आगे की ओर झुकें और अपने सिर को सतह पर सटाएं। इस दौरान अपनी पढ़ने की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।

अपने दोनों घुटनों को मोड़ लें और आंखों के निचले हिस्से को टिकाएं।

कुछ देर तक यही स्थिति बनी रहती है, फिर सांस लेते हुए सामान्य मुद्रा में वापस आ जाते हैं।

उचित परिणाम के लिए इसे 4 से 5 बार अवश्य मिलेगा।

कैट काऊ पोज एक असरदार आसान है। चित्र : उजागर करें

2. कैट काऊ पोज़ (बिल्ली गाय मुद्रा)

यह योगासन शरीर के दर्द एवं अकड़न को कम करता है। साथ ही शरीर को मुक्त रखता है और आपको पूरा दिन रिलैक्स रहने में मदद करता है।

इसे करने का सही तरीका जानें

इसे करने के लिए योगा मैट का इस्तेमाल करें क्योंकि बिस्तर पर यह अभ्यास सही से नहीं हो सकता है।

सबसे पहले अपने घुटने और दोनों हाथों से टेबल के आकार में आ जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डी को जितना ज्यादा हो सके उतना स्थिर रखने की कोशिश करें।

अब इस तस्वीर में सांस अंदर की ओर देखते हुए रीढ़ की हड्डी को मोड़ती है और आपकी छाती को ऊपर की ओर खींचती है। इस दौरान पेट को सामान्य रहने दें।

फिर बिल्ली की तरह पोज़ देते हुए अपना चीन अंदर की ओर मुड़ें और सांस छोड़ें।

इसके बाद अपनी सामान्य स्थिति में वापस लौटें। उचित परिणाम के लिए इस क्रिया को कम से कम 5 से 8 बार संबंध होना चाहिए।

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3. ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)

यह एक सामान्य और छोटा सार है। जो देखने में काफी आसान लगता है। असल में इसके कई फायदे हैं। यदि आप इसे ठीक तरह से करते हैं, तो यह आपके अंदर एक विश्वास दिलाता है। यह कोर, आर्म्स और लेग स्ट्रेचिंग के लिए एक अच्छा योग है। यह मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है और इन्हें आराम से जीने में मदद करता है।

जानें इस योगासन को करने का सही तरीका

इसे करने के लिए बिल्कुल सीधे सीधे हो जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डी को ठीक करने का प्रयास करें।

सांस लें और अपनी दोनों आंखों को ऊपर की ओर खींचें और एक दूसरे से जोड़ लें।

फिर सांस छोड़ें और फिर सांस अंदर लेते हुए आपके पैरों की एड़ियों को सतह से खोल दें।

अपने पैरों को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें।

यह पोजीशन में संतुलन इसे लगभग 10 से 15 बार बांधता है। फिर सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।

ताड़ासन का तरीका
योग फेफड़े के कार्य में गड़बड़ सुधार करने में मदद करने के लिए काम करता है।। चित्र-शटरस्टॉक.

4. उत्तानासन (उत्तानासन या आगे की ओर झुकना)

उत्तानासन का अभ्यास मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। साथ ही तनाव, थकान और एंग्जाइटी को नियंत्रित रखता है। किडनी, लीवर और डाइजेशन के फैंटेसी में सुधार करने के लिए इसका अभ्यास किया जा सकता है।

यहां जानें इसे करने का सही तरीका

इसे करने के लिए सबसे पहले सीधा सीधा हो जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।

गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर बढ़ाएं और सीधी स्ट्रेच करें।

अब कूल्हे को झुकाते हुए और दोनों हाथों को आगे की ओर झुकाएं। अपने हाथों से पैर को छूकर देखें।

फिर लगभग 20 से 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में बने रहें।

इस स्थिति में पैर और रीढ़ की हड्डी को ठीक रखने की कोशिश करें।

डीप रेस्पिरेटर लें फिर सांस को डॉक्स से छोड़ें और सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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