बैंगलोर: कर्नाटक में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से पश्चिम बंगाल की दिनचर्या और कांग्रेस की सर्वोच्च ममता बनर्जी ने दूरी बना ली है। ममता बनर्जी कर्नाटक नहीं विवरण, वह अपने प्रतिनिधि को एकाधिकारी। बता दें कि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में अपनी बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से विपक्षी एकता की फ्लैशिंग फोटो दिखाना चाहती थी। लेकिन अब ममता के इस समारोह में शामिल नहीं होने से कांग्रेस की इस योजना को झटका लग गया है। वहीं, सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण में बिहार के मुख्यमंत्री कुमार शामिल होंगे। डिप्टी सीएम यादव भी बिजली के साथ बैंगलोर जाएंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि कर्नाटक के बाद अब मैं बिहार में सक्रिय हूं।
आजीविका के नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया, ”कर्नाटक के सदस्य बनने वाले सिद्धरमैया और उनके अन्य साथियों ने कामकाजी कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की राज्य ममता बनर्जी को कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया। उन्होंने (ममता ने) अपने अलॉट किए गए कार्यदल और डेढ़ दशक में वैकल्पिक कोकिला घोष दस्तीदार से इस समारोह में शामिल होने को कहा।”
कर्नाटक चुनाव के बाद बदला था ममता का मन
आपको बता दें कि इससे पहले Congress ने ममता बनर्जी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी की फॉर्मूले को सीज से खारिज कर दिया था। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने अपना मन बदला था। ममता ने कहा था कि वो कांग्रेस का समर्थन कर सकते हैं। कांग्रेस के नेता अधीर रंग ममता ने अपनी साझेदारियों को खारिज कर दिया और कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करने में प्रतिभागियों की अनिच्छा वास्तविक में कांग्रेस के बारे में उनकी वास्तविक धारणा को मानती है।
बंगाल में कांग्रेस माफी मांगें बंद करें- ममता
ममता ने कहा था, शुरुआत से मैं कह रही थी कि संबंधित क्षेत्रों में ताकतों को रखने वाले दलों को वहां सीधी भाजपा का मुकाबला करना चाहिए, जैसे दिल्ली में आप, बिहार में राजद-जूनी, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस। पहले कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन किया था, अब उन्हें पश्चिम बंगाल में भी हमारे साथ वैसा ही करना चाहिए। यह सही नहीं है कि कर्नाटक में वे हमारे समर्थन का आनंद लेंगे और पश्चिम बंगाल में हमारा विरोध करेंगे।
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‘ममता ने कर्नाटक के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की?’
हालांकि, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक में कांग्रेस को उनके सदस्यों का समर्थन करने के लिए पूरी तरह से खारिज कर दिया था। चौधरी ने कहा था, हम बंगाल में ही क्यों, जहां जरूरत से जरूरी टीएमसी के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने कहा था, वह कर्नाटक में बीजेपी को वोट नहीं देने का दावा कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने एक बार भी कर्नाटक के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की? पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के खिलाफ जंग जारी रहेगी।
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