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इंस्टैंट लोन स्कीम में ऐसे होती है फोन के डाटा को चोरी और होती ठगी!

सस्ते दर पर आन लाइन तत्काल कर्ज देने वालो से रहे सावधान

इंस्टैंट लोन देने के लिए इंस्टेंट लोन एप्लीकेशन इंस्टाल कराकर चुराते है मोबाइल से डेटा

पुलिस में रिपोर्ट करने ,व रिकार्ड खराब करने की धमकी देकर करते है वसूली

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर. दोस्तो अगर आपको पैसे की जरूरत है ,आप लोन लेना चाहते है ,और अगर ऑनलाइन लोन लेने के बारे में सोंच रहे है तो सावधान हो जाइए।

मिनटों में लोन देने वाले ऐप्स के झांसे में आकर लोग बर्बाद हो रहे है।

असल में पूरा एक गिरोह लोगो को ठगने में लगा हुआ है !भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी इंस्टेंट लोन एप्लीकेशन से बचने हेतु अलर्ट जारी किया है ।

तरीका वारदात – एक पूरा एक गैंग है, जिसमें ज्यादा अनाधिकृत लोग लगे हैं जिन्हें रिजर्व बैंक से लोन देने का अधिकार नहीं मिला है, इसके बावजूद वे खुलेआम मिनटों में लोन का ऑफर देकर लोगों को फंसा रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान से के ये सारे एप्लीकेशन एक्टिवेट हुए है ,और पैसों की कमी से जूझ रहे लोगो को सस्ते दर पे लोन मुहैया कराने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा रहे है।

गैंग द्वारा कस्टमर से तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी लेकर तुरंत यानी कुछ मिनटों में ही लोन दे दिया जाता है। जिसे चुकाने के लिए निश्चित समयावधि दी जाती है ,अगर एक एप्लीकेशन से ली गई लोन आप चुका नही पाते तो दूसरी एप्लीकेशन का नाम बता कर उसे इंस्टाल करा कर उससे लोन लेकर पिछले लोन की भरपाई करने को कहा जाता है।

ग्राहक को गूगल प्ले स्टोर से एप्लिकेशन को डाउनलोड करने को कहा जाता है ,ऐप्प को इंस्टाल करते समय ग्राहक , पर्सनल डिटेल (जैसे फोटो गैलरी) और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा करने की परमिशन ऍप्लिकेशन को दे देते है ,जिससे ग्राहक के मोबाइल की पूरी डाटा सारे संपर्क नम्बर सहित चुरा लिया जाता है ,और ग्राहक को लोन दे दिया जाता है।।

ग्राहक को विश्वाश में लेते है कि उनके अच्छे सिविल रिकार्ड के कारण ही उनको लोन दिया जा रहा है।

ये लोन देने के बाद 30 से 35 % का सालाना ब्याज तो लेते है ,साथ ही समय पर रकम वापस प्रति दिन 3,000 रुपये तक की पेनाल्टी की रकम भी वसूलते है ।ये खुद ही लोन के पैसा वापस देने के लिए दूसरे लोन ऍप्लिकेसन की जानकारी देते है ,उर उनसे लोन लेने के लिए उत्प्रेरित करते है।
बहुत ही काम समय मे इनके द्वारा 1 हजार से लेकर 50 हजार तक लोन दे दिया जाता है बाद में , इनके रिकवरी एजेंट लोगों को प्रताड़ित करते है यहां तक कि ये कंपनियां लोन लेने वाले लोगों के पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देने की धमकी फ़ोन से देते है कस्टमर के मोबाइल से ,ऍप्लिकेसन इंस्टाल करा कर चुराए हुये मोबाइल डेटा ,कांटेक्ट डिटेल के सारे लोगो को फोन कर परेशान भी किया जाता है। और इतने सामाजिक अपमान से क्षुब्ध होकर कई लोग गलत दिशा में कदम तक उठा लेते है।

कस्टमर को बार बार फ़ोन कर परेशान किया जाता है. फिर उनके परिवार के सदस्यों को फोन कर धमकाया जाता है और गालियां दी जाती हैं. इसके बाद भी अगर कोई लोन नहीं चुका पाता तो उसके कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों, दोस्तों को फोन कर, उन्हें व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर ग्राहक को अपमानित किया जाता है ।जो इनके काम करने का तरीका है ।फर्जी लीगल नोटिस भी भेजी जाती है।।

प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी के नाम पर बड़ी रकम काट देते है।

यदि कोई 5 हजार रुपये का लोन ले रहा है तो उससे प्रोसेसिंग और जीएसटी के नाम पर 1180 रुपये तक की रकम काटकर महज 3,820 रुपये दिए जाते हैं।कर्जदार के कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों को फोन कर उसे बदनाम कर देते हैं
परेशान होकर कर्ज लेने वाले कई लोग जान तक देने के लिए उतारू हो जाते है।।

कुछ इंस्टेंट लोन ऍप्लिकेशन

  • Bright cash
  • Gold mal
  • Cash park
  • Lendmall
  • Cashbus
  • Helo loan
  • Small lone
  • Koco cash
  • Enjoy loan
  • Rupeeslend
  • Cashfish

रिजर्व बैंक ने कहा है

‘ग्राहकों को कभी भी केवाईसी दस्तावेजों की प्रति बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अनाधिकृत ऐप को नहीं देना चाहिए और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए इस तरह के ऐप और बैंक खाते जानकारी अधकृत एजेंसी को देनी चाहिये ।

लोन रजिस्टर्ड NBFC से मिल रहा है या नही

रिजर्व बैंक की वेबसाइट में पंजीकृत एनबीएफसी का नाम और पता जाना जा सकता है और पोर्टल के माध्यम से इकाइयों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

क्या करें

ग्राहकों को लोन लेने के लिए सुरक्षित ,अधिकृत फाइनेंसियल बॉडीज का चुनाव करना चाहिए ,जो आर बी आई से पंजीकृत हो ,किसी भी अनजान ऍप्लिकेसन के माध्यम से लोन लेना घातक हो सकता है ,ऐसी किसी भी प्रकार की घटना होने पर नजदीकी पुलिस थाने अथवा साइबर सेल से संपर्क करें।

अगर ठगी का शिकार हो गए हों तो क्या करें

1930 पर डायल करें ,www.cybercrime.gov.in पर लॉगिन कर रिपोर्ट करें,नजदीकी थाने अथवा साइबर सेल से संपर्क करें

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Faiyaz Hashmi

Co founder & editor
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