भारत विरोधी समानता धर्म के नाम पर चल रहा था। लेकिन अब जब अशांति ने भारत का साथ दिया तो पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्त के पेट में दर्द शुरू हो गया। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का सबसे अजीज दोस्त अब भारत के साथ खड़ा हो गया। पिछले कुछ सालों में पीएम मोदी की नीति और रणनीति के मुरीद बड़े-बड़े मुस्लिम देशों के लोग हैं।
पिछले कुछ सालों में भारत के इस्लामिक देशों के साथ एक अलग ही मिस्ट्री देखने को मिल रही है। कई इस्लामिक देश जो एक समय पाकिस्तान के कट्टर दोस्त हुआ करते थे, भारत के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आते थे। वे आज हिंदुस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। इन सबका सबसे बड़ा उदाहरण स्थिति के रूप में मिल रहा है। जम्मू कश्मीर में एक बहुत बड़ा निवेश करने जा रहा है। दरअसल, योजना की कंपनी एमार कश्मीर में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर निवेश की तैयारी में है। पाकिस्तान के पेट में ऐसी ही अटकलों की तरफ से घोषणा करने से दर्द शुरू हो गया। एक तरफ जम्मू कश्मीर की आवाम जिन्हें पाकिस्तान पिछले 75 साल से हटा रहा था।
भारत विरोधी समानता धर्म के नाम पर चल रहा था। लेकिन अब जब अशांति ने भारत का साथ दिया तो पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्त के पेट में दर्द शुरू हो गया। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का सबसे अजीज दोस्त अब भारत के साथ खड़ा हो गया। पिछले कुछ सालों में पीएम मोदी की नीति और रणनीति के मुरीद बड़े-बड़े मुस्लिम देशों के लोग हैं।
केंद्र अकेला प्रदेश को खुशलाही की ओर कदम उठा हुआ पड़ोसी देश पाकिस्तान सदमे में आ गया है। विशिष्ट विशेषज्ञ अपनी हुकूमत को नसीहत भी दे रहे हैं। पाकिस्तान के विशेषज्ञ सैयद शब्बर जैदी ने हुकूमत पर हमला बोलते हुए लिखा कि अगर कश्मीरियों ने भारत के साथ रहने का फैसला लिया है तो उन्हें रहने दो। उन्होंने भारत सरकार की अपेक्षाओं के पुल बांधते हुए कहा कि पहले तो लेख 370 का खात्मा किया। फिर विशेष स्तरों को समाप्त किया गया। भारत सरकार के कदमों की आकांक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि अब स्थिति में निवेश करने जा रहा है। 1947 के बाद पहली बार होगा जब कश्मीर में विदेशी निवेश हो रहा है। भारत और विश्व कश्मीर में भारी निवेश करेगा और करेगा और उसे एशिया का स्विजरलैंड बना देगा।