आमाशय शरीर और मन दोनों को प्रभावित करता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल आपकी क्षमता, त्वचा और स्नेहन को भी प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञ और शोध भी यह संकेत देते हैं कि एक मधुमेह रोगी के लिए सेक्स लाइफ का आनंद लेना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी सेक्स लाइफ पूरी तरह खत्म हो गई है। लीन के साथ भी आप अपने यौन जीवन को बेहतर बनाए रख सकते हैं। वीडियो वीडियो पर हम वे टिप्स (सेक्सुअल टिप्स फॉर डायबिटीज इन हिंदी) साझा कर रहे हैं, जिन्हें आज कर मधुमेह रोगी भी यौन जीवन का आनंद (यौन सुख) ले सकते हैं।
समझिए क्या होता है हाई ब्लड शुगर का सेक्स लाइफ पर असर
अमेरिकन डायबिटिक एसोसिएशन के अनुसार, यदि आपका लंबे समय से बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल है, तो यह नसों (नसों) और रक्त वाहिकाओं (रक्त वाहिकाओं) को नुकसान पहुंचा सकता है। ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होने के कारण महिलाओं में योनि का सूखापन (योनि का सूखापन) और हानिकारक सेक्स भी हो सकता है। नर्व डैमेज होने के कारण ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इसके कारण परिवर्तन भी हो सकते हैं। इन सभी कारणों से डायबिटिक रोगी गर्भावस्था या पूर्वस्थिति के दौरान अधिक परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं।
अच्छी सेक्स लाइफ के लिए मधुमेह रोगियों को याद रखनी चाहिए ये 5 जरूरी बातें (सेक्सुअल टिप्स फॉर डायबिटीज इन हिंदी)
1 स्तर की जांच करें (PH स्तर)
सेक्स मेडिकल रिव्यु जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार बढ़ा हुआ ब्लड शुगर स्तर योनि के पीएच संतुलन को खराब कर सकता है। इससे योनि संक्रमण की अनुमान बढ़ जाती है। जब पीएच बढ़ जाता है, तो योनि में स्वस्थ लैक्टोबैसिली जीवित नहीं रह सकते। इससे वेजाइनोसिस की संभावना बढ़ जाती है। बैक्टीरिया को संतुलन में रखने के लिए गायनेकोलोजिस्ट की सलाह पर सही जेल सप्ताह में दो बार लें। यह दस्तावेज़ के रूप में भी काम करता है।
2 . टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाला आहार (टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ शामिल करें)
रीप्रोडक्टिव बायोलोजी एंड एंडोक्रिनोलोजी जर्नल के अनुसार, दाखिले के कारण रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। इससे लिबिडो की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जो सेक्स ड्राइव पर सकारात्मक प्रभाव दे सकें। जिओ के स्रोत वाले फ़ूड टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में मदद करते हैं और सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। मछली, सी फ़ूड के अलावा, टमाटर के दाने, अनार, एवोकाडो, बेरी, द ग्रेट भी चमत्कार से भरपूर हैं।
3 ग्लूकोज स्तर पर नियंत्रण रखें (ग्लूकोज स्तर)
रीप्रोडक्टिव बायोलोजी एंड एंडोक्रिनोलोजी जर्नल के अनुसार, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने पर ब्लड वेसल्स की सुरक्षा है। नर्वस की क्षति को रोकने में मदद मिलती है। इस योनि में भी संक्रमण मुक्त रहता है। इसके लिए कैलोरी इंटेक और लो ग्लाइसेमिक ग्लोब वाले भोजन को शामिल करना जरूरी है। कम भोजन लेने से अग्न्याशय में अतिरिक्त वसा नष्ट हो जाती है, जो जुलिना उत्पादन का प्रावधान है।
4 शुगर फ्री लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें (शुगर फ्री लुब्रिकेंट)
यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोचेस्टर जर्नल के अनुसार, मधुमेह रोगी लुब्रिकेंट के चुनाव के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए (यौन सुझाव मधुमेह के लिए हिंदी में)। कुछ लुब्रिकेंट में ग्लिसरीन और रेंकियन ग्लाइकोल जैसे चीनी के रूप में होते हैं। ये योनि के पीएचपी पर बुरा प्रभाव देते हैं। इससे यीस्ट इन्फेक्शन प्रमाणीकरण हो सकता है। शुगर के रोगी के लिए सिलिकॉन लुब्रिकेंट का चुनाव सही होता है।
5 अपने शरीर से प्यार करें (स्वीकार करें और खुद से प्यार करें)
यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर जर्नल के अनुसार, यदि आपका मोटापा है, तो वजन कम करने की कोशिश करें। बैलेंस डाइट और नियमित योग और व्यायाम इसमें मदद कर सकते हैं। पर्याप्त नींद लें। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में नींद की भूमिका अहम है। नियमित रूप से रात में 6 घंटे से कम नींद लेने से लोग रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होने की संभावना तीन अधिक हो जाती है। यदि आप डायबिटिक हैं और किसी दिन सेक्स की इच्छा नहीं रख रहे हैं तो इस क्रिया में शामिल नहीं हों। यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है। यदि कोई समस्या है, तो किसी सेक्स विशेषज्ञ से बेशक मिलें।
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