लेटेस्ट न्यूज़

सनस्क्रीन की ये सामान्य गलतियां टैनिंग का कारण बन सकती हैं। स्किन टैनिंग का कारण बन सकते हैं सनस्क्रीन लगाने के दौरान ये 5 गलतियां।

गर्मी का मौसम यानी चिलचिलाती धूप और खतरनाक युवी का मौसम। जहां बात सूरज की दिखाई देती है वहां सनस्क्रीन (सनस्क्रीन) कितनी महत्वपूर्ण है, तो आप सभी जरूरी हो जाएंगे। हालांकि, सर्दी हो या गर्मी की किरणों के संपर्क में आने से पहले अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना अनिवार्य है। पर कभी-कभी ऐसा होता है कि लगातार सनस्क्रीन लगाने के बाद भी आपकी त्वचा का रंग हल्का होने लगता है। तो उसके लिए सनस्क्रीन गलतियां (सामान्य सनस्क्रीन गलतियां) जिम्मेदार हो सकती हैं।

सनस्क्रीन स्किप करना आपकी त्वचा के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। सूरज की अनजान किरणें स्किन सेल्स को डैमेज कर देती हैं जिसके कारण त्वचा से जुड़ी सभी पीड़ित का सामना करना पड़ता है। अगर लगातार ये जोखिम के संपर्क में रहें तो स्किन कैंसर का भी खतरा बढ़ सकता है।

इसलिए इसे केवल त्वचा पर ही लागू करना काफी नहीं है, बल्कि इसे सही तरीके से और सही समय पर आकलन करना जरूरी है। कई बार हम महंगे से महंगे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसे कैसे लागू करना है, इसकी जानकारी के अनुकूल होने से इसका उचित लाभ से विनीत हो जाते हैं।

सनस्क्रीन का इस्तेमाल स्किन को सुरक्षित रखता है। चित्र: दृश्यस्टॉक

स्किन टैन से बचने के लिए जानें 5 सनस्क्रीन मिस्टेक्स के बारे में

1. बहुत कम मात्रा में सनस्क्रीन लगाना

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार आमतौर पर लोग सनस्क्रीन के रेकमेंडेड राशि की तुलना में केवल 20 से 25 प्रतिशत सनस्क्रीन ही लागू करते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि त्वचा के जो हिस्से के कपड़े से कवर नहीं हो रहे हैं उस पर पर्याप्त मात्रा में सनस्क्रीन एक्सपोजर एक कवरेज लेयर तैयार करें।

इसे बाहर जाने के 15 मिनट पहले ही त्वचा पर लागू कर लें। साथ ही अगर आप बाहर खुले में हैं और आपको पसीना आ रहा है, तो हर 2 घंटे में अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना न भूलें।

2. क्लॉउडी सीज़न में सनस्क्रीन को अवॉयड करना

आमतौर पर धूप न होने पर और बारिश के मौसम में लोग सनस्क्रीन को हटा देते हैं। ऐसे में अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार सूरज की चपेट में आने का असर सालों तक बना रहता है, इसलिए यदि सीजन क्लॉउडी है तो भी लगभग 80 प्रतिशत तक सूरज की एलर्जी का प्रभाव बना रहता है। यदि ऐसे मौसम में कहीं बहार जा रहे हैं, तो नियमित दिनों की तरह पर्याप्त मात्रा में सनस्क्रीन लगाना न लें।

यह भी पढ़ें : विश्व स्वास्थ्य दिवस : एक जानकार से जानिए स्वस्थ, जवां और लंबी उम्र पाने का फॉर्मूला

3. ब्रॉड-स्पेक्ट्रम और एसपीएफ को देखना

आम तौर पर ज्यादातर सनस्क्रीन सूरज की सुरक्षा करने वाले होते हैं लेकिन ये खतरे त्वचा के कैंसर और समय से पहले उम्र बढ़ने के कारण बन सकते हैं। आपको नई जानकारी की सुरक्षा से सुरक्षा नहीं मिल रही है।

केवल कुछ सनस्क्रीन इसके पास आते हैं और उन्हें ‘ब्रॉड-स्पेक्ट्रम’ के रूप में लेबल किया जाता है। वहीं हमेशा सनस्क्रीन खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि सनस्क्रीन कम से कम SPF30 या उससे अधिक हो। एसपी एफ संख्या जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक जोखिम वाली त्वचा से उतनी ही बेहतर सुरक्षा प्राप्त होगी।

हानिकारक सूरज की किरणों से सनस्क्रीन बचाते हैं
खतरनाक सूरज की सुरक्षा से सुरक्षा करते हैं, दृश्‍य जोखिम

4. त्वचा पर छिपाने का जोखिम यह त्वचा पर अच्छी तरह से नहीं मिलाना है

स्किन कैंसर फाउंडेशन के अनुसार त्वचा पर सनस्क्रीन लागू करते हैं यदि आप इसे सामान्य रूप से त्वचा पर सभी और नहीं मिलाते हैं, तो आपको इसका उचित लाभ नहीं मिलता है। यह आसान हैंड्स से त्वचा पर सभी और अच्छी तरह की योजनाएँ।

कई बार लोग स्प्रे का उपयोग करने की सलाह देते हैं, लेकिन स्प्रे के उपयोग से यह पता नहीं चलता कि त्वचा का क्षेत्र किसे प्रभावित करता है। यदि स्प्रे का उपयोग कर रहे हैं, तो अधिक ध्यान देने के साथ इसे लागू करें।

5. पूरे दिन में केवल एक बार सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार यदि आप अपने दिन का एक पूरा समय समाप्त कर रहे हैं, तो कम से कम 2 घंटे पर एक बार अपने सनस्क्रीन को फिर से अवश्य देखें। विशेष रूप से यदि आप करते हैं तो इसे लागू करना निवार्य है।

करोड़ों के लिए वाटरप्रूफ सनस्क्रीन उपलब्ध होते हैं, लेकिन यह आपके एसपीएफ को केवल 80 मिनट तक ही बनाए रख सकते हैं। इसके साथ ही त्वचा पर बार-बार सनस्क्रीन लगाने से त्वचा पर सभी और अच्छे लग जाते हैं।

यह भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के बाद आपके कपड़ों का ही नहीं, जूतों का नाप भी बढ़ सकता है, जानिए इसे कैसे करना है कंट्रोल

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page