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ये 5 आयुर्वेदिक तेल दे सकते हैं आपको प्राकृतिक दमकती त्वचा। ये 5 आयुर्वेदिक तेल आपकी त्वचा की चमक बढ़ा सकते हैं।

प्रदूषण, वातावरण में परिवर्तन और तेज धूप के कारण हमारी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे त्वचा पर दाग-धब्बे, झुर्रियां भी लग जाती हैं। त्वचा की कांति खो जाती है। स्किन को दागमुक्त और चमकदार बनाने के लिए आयुर्वेद हमारी मदद कर सकता है। इससे न सिर्फ पिगमेंटेशन खत्म हो जाता है बल्कि स्किन भी ग्लो करने लगती है। शोध विशेषज्ञ हैं कि 5 आयुर्वेदिक
तेल (त्वचा की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल) इसमें मदद कर सकते हैं।

तेल से त्वचा को एलर्जी भी हो सकती है

आयुर्वेद के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में प्रकाशित शोध प्रलेख के अनुसार, किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले यह बेशक जांच लें कि वह आपकी त्वचा के लिए उपयुक्त है या नहीं। रूखी और तैलीय त्वचा के लिए बिल्कुल अलग तरह का तेल आपकी त्वचा के लिए अच्छा रहेगा। दोनों तरह की त्वचा पर अच्छा तेल नहीं लगाया जा सकता है। साथ ही, तेल से त्वचा को एलर्जी होती है, इसकी भी जांच होगी। इसलिए विशेषज्ञ स्किन पर किसी भी तेल को लगाने से पहले की राय लेना जरूरी है।

कुमकुमादी तेलम (कुमकुमादी तेलम)

जर्नल ऑफ इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में प्रकाशित शोध ग्रंथ के अनुसार, कुमकुमादि तेलम अपनी चमकदार संपत्ति के कारण सेफर्न आइल के लाभ से होता है। इसमें कुमकुमा, यूशीरा, कालीया, चंदन, मंजिष्ठा आदि जैसे पोषक तत्व भरपूर जड़ी-बूटी मौजूद होते हैं। इसके कारण यह त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी लाभकारी होते हैं। कुमकुमा में मौजूद विटामिन ई स्किन टिश्यू को फिर से बनाने में मदद करता है। यह स्किन सेल को भी उत्तेजित करता है। यह स्कार्स, रिंकल और फाइन लाइन को हटकर एजिंग साइन को कम कर देता है। यह स्किन टैन को उल्टा कर देता है।

सैंडलवुड आयल (चंदन का तेल)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड एलाइड साइंस में प्रकाशित शोध ग्रंथ के अनुसार, चंदन के तेल में एंटीइंफ्लेमेट्री और
स्किन क्लीयरिंग गुण होते हैं। इसमें उपस्थित सेंटालोल कंपाउंड स्किन को तीखा
करते हैं। इसके नियमित उपयोग से एक्ने ब्रेकआउट खत्म हो जाते हैं। यदि यह तेल है
की कुछ बूंदों को एक चुटकी हल्दी और एक चुटकी कपूर पाउडर के साथ त्वचा पर लगाया जाता है
जाए, तो परिणामदूना आता है।

टर्मरिक ऑयल (हल्दी का तेल)

एडवांस आयुर्वेद के इंटरनेशनल जर्नल के अनुसार, यदि प्रदूषण के कारण स्किन पोर बंद हो गए हैं, तो टरमरिक आयल का उपयोग सबसे बढ़िया है। टरमरिक एसेंशियल आयल को यदि किसी करियर आयल जैसे नारियल तेल या बादाम तेल के साथ मिलाकर लगाया जाता है, तो प्रीमेच्योर स्किन एजिंग को खत्म किया जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और विटामिन ई स्किन को चमकदार बनाते हैं। एलर्जी वाले लोगों को स्किन इरिटेशन और स्किन बर्निंग होने की संभावना बनने लगती है

केसरादि तेल (केसर का तेल)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड एलाइड साइंस में प्रकाशित शोध ग्रंथ के अनुसार, केसर के तेल ((त्वचा की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल) में एक निश्चित मात्रा में तिल के तेल की भी होती है। ये त्वचा को पर्याप्त मोइस्चर देते हैं और फिर से जवान बनाते हैं। यह सूखापन, एक्ने, जलन, स्किन एजिंग से लाभ होता है। नियमित उपयोग से यह त्वचा की जवाबदेही को पुनर्स्थापित करता है। विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स को खत्म कर ताजी का काम कर रहे हैं

बादाम तेल (बादाम का तेल)

एडवांस आयुर्वेद के इंटरनेशनल जर्नल के अनुसार, बादाम तेल में विटामिन डी, विटामिन ई, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे यौगिक होते हैं। ये निशान के कारण डैमेज त्वचा की सूजन खत्म कर देते हैं। अनछुई हुई फट की उपस्थिति के कारण ये अंदर से सफाई कर त्वचा को कोमल बना देते हैं। गंधहीन होने के कारण यह तेल रात में चेहरे, हाथ और पैर में होता है
सोने के लिए सबसे मुफीद है।

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