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बच्चे के जन्म के बाद पेट को टोन करेंगे ये 3 योगासन – बच्चे के जन्म के बाद पेट को टोन करने के लिए ये 3 योग मुद्रा

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बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं का सिकुड़ना, मोटापा बढ़ना और खान पैन में बदलाव सामान्य बात है। इसका प्रभाव हमारे शरीर पर धीरे-धीरे दिखने लगता है। दरअसल, शिशु को स्तनपान (ब्रेस्ट फीडिंग) के चलते महिलाओं को अपने आहार में कई जरूरी बदलाव आते हैं। उसका असर बॉडी पर दिखने लगता है और वे दिन ब दिन वेट पुटऑन (वजन डालना) करने लगता है। कई बार नेटर रिटेंशन (जल प्रतिधारण) या अन्य कारणों से भी बढ़ता है। ऐसे में कई बार बहुत सी हताशा और निराशा होती है (डिलीवरी के बाद का योग पोज़) ।

बच्चे के जन्म के बाद भी शरीर ज्यों का त्यों रहने से बहुत सी महिलाएं जिम और वॉक करती हैं। हांलाकि से हमारा शरीर थकान महसूस करता है। शिकायत के बाद संकीर्ण कम करने में ये चार आसान योगासन आपकी मदद कर सकते हैं।

बेली फैट को भी कम किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

अगर आपके पेट को टोन करने में मदद करेंगे तो ये 3 योगासन

1. व्याघ्रसन (टाइगर पोज़)

इस योग को नियमित रूप से करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और रीढ़ की हड्डी सीधी हो जाती है। इस योग की मदद से कमर दर्द में आराम मिलता है और बैली मोटा भी बर्न होने लगता है। गुस्से के बाद ये योगासन शरीर को आराम पहुचाने और अतिरिक्त वसा को दूर करता है।

व्याघ्रसन को करने का तरीका

इसे करने के लिए वज्रासन में बैठने और मैट पर घुटने को टिकाकर टैलवों पर बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को थाइज पर टिकाकर रखें।

इसके बाद कदम के बल रुकें और दोनों हाथों को आगे की ओर खींचें।

अब धीरे-धीरे हाथों को जमने पर टिकाएं और पंजों के बल रुक जाएं। इसके बाद सीधे घुटने को आगे की ओर जकड़ें और सिर को घुटने से छूने का प्रयास करें।

इसके बाद दाई टांग को पीछे की ओर हवा उपर की ओर फिर से। वहीं निचले तल को जम पर टिकाए रखें। उसी समय गर्दन को उपर की ओर रखें, जितना हो सके उतना खींचे।

2. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)

पेट के बल किए जाने वाले इस योगासन को भुजंगासन कहा जाता है। इसे करने के लिए गर्दन को उपर की ओर खीचना है। इस योग को सर्पासन भी कहा जाता है। यह नियमित तौर पर करने से शरीर में सक्रियता लगती है।

भुजंगासन करने का तरीका

इस आसन को करने के लिए पेट के बल मैट पर चलें। अब सीढ़ी को छाती के पास ज़मीन पर टिका लें।

इस आसन के दौरान दोनों पैरों को एक दूसरे के साथ जोड़ लें। टैग्स को भी 5 से 7 इंच उपर उठाने का प्रयास करें।

इसे करने के लिए आगे से सिर को उपर की ओर स्ट्रेच करें। जहां तक ​​संभव को गर्दन को ऊंचा उठाएं। उसके बाद धीरे-धीरे छाती को नाभि तक ऊपर उठाएं।

अब दोनों हाथों को कमर के पास रखें। इस दौरान लंबी सांस लें और छोड़ें।

ऊर्जा बढ़ाने के लिए योग
भुजंगासन आपकी पीठ और कंधे को स्वस्थ रखने के लिए बहुत उपयोगी है। चित्र-दृश्य।

3.उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा)

इस योग को करने से सहमति के बाद वेट रिडक्शन में फ़ायदा मिलता है। इससे पेट पर अत्यधिक चर्बी होती है जिससे आप जल जाते हैं। इससे जुड़े से लेकर टांगें तक सभी बॉडी पार्टस में खिंचाव महसूस होता है। इससे शारीरिक पीड़ा से भी राहत मिल जाती है। इसे करने से पहले पीड़ित होने से भी राहत मिल सकती है। इससे बाजुओं को सफलता मिलती है। साथ ही लोअर बैक पेन भी धीरे-धीरे दूर होने लगता है।

उष्ट्रासन को करने का तरीका

इस योग को करने के लिए कैमल के समान घुटनों के बल बैठ जाएं। अब लंबी सांस लें और रीढ़ की हड्डी को सीधा शरीर को आगे की ओर ले जाएं।

इसके बाद दोनों हाथों को पीछे ले जाते हुए दोनों पैरों को नकड़ लें। इसे सोते समय आप नाभि पर खिंचाव महसूस करते हैं। ये स्ट्रेच वेटलॉस में आपूर्ति साबित होती है।

इसके बाद गर्दन को पीछे की ओर रखें और ढ़ीला छोड़ दें। 10 से 15 सेकंड तक इस मुद्रा में रहने के बाद इस योग को 3 से 4 बार घुसपैठ।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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