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भाजपा प्रदेश संगठन में जल्द ही गठबंधन होगा, सुभासपा से एक दशक के चुनाव में गठबंधन की संभावना मिलेगी

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की पिछली माह में हुई बैठक में, भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 17 जून को राज्य की सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया था और इसके लिए पार्टी अधिकारियों की जिम्मेदारी और जिम्मेदारियां तय की गई थीं। हालांकि चौधरी से अब तक उनकी प्रदेश समिति न होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे पार्टी ने मध्य सत्र में अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर दिया।

लखनऊ। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की झलक भारतीय जनता (भाजपा) ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और बहुत जल्द प्रदेश में संगठन बना सकती है। साथ ही बीजेपी के सुहेलदेव इंडियन सोसाइटी पार्टी (सुभासपा) के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन की भी संभावना बढ़ गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने पीटीआई- को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि संगठन में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा लेकिन बहुत जल्‍द आंशिक पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, राजभर जी (सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर) हमारे साथ रहे हैं निश्चित रूप से अगर विचारधारा से सहमत हैं तो उन्हें अपने साथ काम करने का मौका मिलेगा, ऐसा मुझे विश्वास है।

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की पिछली माह में हुई बैठक में, भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 17 जून को राज्य की सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया था और इसके लिए पार्टी अधिकारियों की जिम्मेदारी और जिम्मेदारियां तय की गई थीं। हालांकि चौधरी से अब तक उनकी प्रदेश समिति न होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे पार्टी ने मध्य सत्र में अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। संगठन के कुछ लोग सरकार में मंत्री बने हैं तो मैंने आंशिक पुनर्गठन के लिए नेतृत्व से निवेदन किया और मुझे पार्टी ने इसकी अनुमति दी है। जल्द ही हम इस प्रक्रिया में आगे बढ़ेंगे। बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा लेकिन आंशिक पुनर्गठन का कार्य किया जाएगा।

उन्होंने इसकी पहली व्यवस्था को स्पष्ट करते हुए कहा, भाजपा की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। देश में इस साल नौ राज्यों और अगले साल दिसंबर में चुनाव होना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव होना है तो भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 2024 तक बढ़ा दिया है और इसी क्रम में प्रदेश, मंडलों का कार्यकाल 2024 तक बढ़ गया है। पिछड़ी जाति में सक्रिय जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा ने पिछले साल अगस्त में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और उन्होंने इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में पंचायती राज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

संगठन और सरकार में दोहरा दायित्व निभा रहे लोगों के बारे में जब उनसे पूछा गया कि भाजपा में तो एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है और आपने भी प्रदेश अध्यक्ष बने ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कई संबद्ध मंत्री बनने के बाद भी संगठन के पदों पर बने हुए हैं तब उन्होंने कहा, कुछ लोग सरकार में हैं लेकिन संगठनों के रोजगार में उनका दखल नहीं है। इसकी गतिविधि कार्य में नहीं है। सरकार में उन्हें जो दायित्व मिला है, वह ईमानदारी से बेहतर ढंग से निभा रहे हैं। ज़ोस्टरब है कि राज्य सरकार के नगर विकास और विद्युत मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, परिवहन प्रत्यय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष और सहकारिता प्रत्यय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर अभी प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। इसके अलावा सभी सरकार की मंत्री बेबी क्वीन मौर्य पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। बीजेपी के पूर्व सहयोगी रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से फिर से चक्कर लगा रहे हैं और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के संकेत पर चौधरी ने कहा कि हमारा रूख साफ है, हम सबका स्वागत करते हैं। जो भी हमारे विचार से सहमत हैं और हमारे साथ काम करना चाहता है तो उसे साथ रखने में कोई समस्या नहीं है।

हम आज भी साथ लेकर चलेंगे। राजभर जी हमारे साथ हैं निश्चित रूप से यदि विचारधारा से सहमत हैं तो उन्हें अपने साथ काम करने का पार्टी अवसर देगा, ऐसा मुझे विश्वास है। राजभर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी को चार सीटों पर जीत की उम्मीद थी। वह योगी सरकार में मंत्री बने। हालांकि दो साल में ही उनका बीजेपी से गठबंधन टूट गया और वह सरकार से बाहर हो गए। राजभर की पार्टी ने 2022 में समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया था और विधान सभा की 403 क्षेत्रों में छह राज्यों की जीत की थी। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में आने से सपा प्रमुख से राजभर की दूरी बढ़ गई और इसका विरोध काफी बढ़ गया। बाद में उनका गठबंधन टूट गया और अब वे सपा के प्रमुख विरोधी हो गए हैं। आरोपित है कि अपने दल (सोनेलाल) के साथ गठबंधन कर 2019 के दशक के चुनाव में भाजपा ने राज्य की 80 डिग्री में से 64 सीट की चेतावनी दी थी जबकि कांग्रेस ने एक, सपा ने पांच और बहुजन पार्टी समाज (बसपा) ने 10 सीट की चेतावनी दी थी। तब सपा-बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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