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दुनिया के सबसे अजर ऑक्टॉपस ने महीला को दो बार काटा, लेकिन कुछ नहीं हुआ, संत भी हैरान

ऑक्‍टॉपस के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन क्‍या दुनिया के सबसे जिम्‍मेदार ऑक्‍टॉपस के बारे में जानते हैं? जी हां, सबसे जहरीला ऑक्टॉपस, जिसके शरीर में इतना जहर होता है कि एक बार में यह 20 से ज्‍यादा लोगों की जान ले सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका जहर साइनाइड से भी हजारों गुना ज्यादा खतरनाक होता है। हालांकि आप जानकर हैरान होंगे कि इस ऑक्‍टीटॉपस ने एक माहिला को एक नहीं, दो बार काटा, लेकिन वह बच गया। वह कुछ भी नहीं हुआ।

लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में समुद्र तट पर महीला तैर रही थी तभी ब्लू-रिंगड ऑक्टोपस ने अपने पेट विज्ञान पर दो बार अनकट किया। स्वास्थ विभाग के अधीकारियों ने फेसबुक पर यह कहानी शेयर करते हुए लिखा, मह‍िला तैर रही थी तभी उसे एक छोटा सा खोलनुमा चीज दिखा। उसने जैसे ही उठाया वह सरकरकर पेट में गिर गया और काट लिया। माहिला को पेट में काफी तेज दर्द का अनुभव हुआ। उसे अस्‍पताल ले जाया गया और कोल्‍ड कंप्रेशर्स के साथ इलाज किया गया लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ। बाद में पता चला कि यह ब्लू-रिंग्ड ऑकटॉपर था।

दुनिया में इसकी सिर्फ 4 प्रजातियां
वैसे तो ऑक्टॉपस की करीब 300 से भी ज्यादा दुर्घटनाएं पाई जाती हैं, लेकिन ‘ब्लू रिंग्ड ऑक्टोपस’ सबसे खतरनाक और जहरीला होता है। इसकी चार संभावनाएँ हैं। ग्रेटर ब्लू-रिंगेड ऑक्टोपस (ग्रेटर ब्लू-रिंग ऑक्टोपस) साउदर्न ब्लू-रिंगड ऑक्टोपस (दक्षिणी ब्लू-रिंग ऑक्टोपस, ब्लू-लाइंड ऑक्टोपस (ब्लू-लाइन ऑक्टोपस) और कॉमन ब्लू-रिंग ऑक्टोपस (सामान्य ब्लू-रिंग ऑक्टोपस)। ये बहुत छोटी-छोटी होती हैं कि आपकी लकीरें भी फिट हो सकती हैं।उनका शरीर एक छोटे से छल्लों से लिपट जाता है, जो शैतान की स्थिति में इंद्रधनुषी नीले रंग के साथ चमकते हैं।

संपर्क में आने के 20 मिनट में मौत हो रही है
संतिस्‍ट के अनुसार, नीले रंग वाले इस ऑक्टोपस के जहर में टेट्रोडोटॉक्सिन (टेट्रोडोटॉक्सिन) पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है। संलग्न के लिए यह साइनाइड की तुलना में एक हजार गुना ज्यादा जहरीला होता है। इसकी छोटी सी खुराक से भी अंग काम करना बंद कर सकते हैं। नसें और मांसपेशियाँ ब्लॉक हो जाती हैं और कुछ ही मिनटों में इंसान को लकवा मार सकता है (मांसपेशियों का पक्षाघात)। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, कोई भी जहरीला शरीर प्रवेश कर जाए तो 20 मिनट के अंदर व्यक्ति की मौत हो सकती है। आप हैरान होंगे कि ऑक्टॉपस खुद को जानकर यह जहर नहीं बनाता। उनके ग्रंथियों में एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया पाया जाता है जो इसका निर्माण करता है। यह इतना खतरनाक है कि अगर कोई उनकी त्वचा को छू भी दे तो भी जहर की चपेट में आ जाता है।

4 साल का बच्चा भी मरते मरते बचा था
ब्लू शिकायत वाले यह ऑक्टोपस तस्मानिया सहित पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं। 2006 में क्वींसलैंड में समुद्र तट पर एक रॉक पूल में ऑक्टोपस ने 4 साल के एक बच्चे को काट लिया, उसकी जान बच गई। जर्नल क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, उसे सिर्फ इस लिए बरकरार रखा जा सका क्‍योंकि तुरंत उल्टियां हो गईं। इतने समय में ही जहर की वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गई। मांसपेशियों का नियंत्रण खतम हो गया, यानी लगभग लकवा मार दिया गया। करीब 17 घंटे में इस बच्चे के साथ हुई गलती, तब जाकर हालत में सुधार हुआ। महीला कैसे बच गई, इसे लेकर वैज्ञानिक हैरान हैं और रिसर्च करने में जुट गए हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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