
लखनऊ के टेलीविजन चैनल
लखनऊ: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मूरत की कृष्णजन्मभूमि के बाद अब लखनऊ की टीले वाली मस्जिद का मामला भी अदालत में पहुंचा। लखनऊ के टेलीविजन चैनल को लेकर दावा ठोक दिया गया था, अब लखनऊ की सेशन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। आज कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया, जिसमें टीवी वाले मसजिद की तरफ से कहा गया था कि ये मामला नहीं सुनेगा।
मस्जिद के नीचे लक्ष्मण मंदिर का दावा
दरअसल, साल 2013 में लखनऊ की सेशन कोर्ट में भगवान शेषनागेश तिलेश्वर महादेव विराजमान की ओर से याचिका दाखिल कर कहा था कि लखनऊ की टीले वाली मस्जिद असल में लक्ष्मण टीला है और उन्हें यहां का हक और पूजा का अधिकार दे दिया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि यहां लक्ष्मण टीला और मंदिर था, लेकिन औरंगजेब के कहने पर इसे तोड़ दिया गया और यहां टीले वाली मस्जिद बना दी गई।
ज्ञानवापी पर जारी है विवाद
उद्र, टेलीवीयर मस्जिद के इमाम ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि साल 1991 में वर्शिप एक्ट के प्लेसेस के तहत ये मामला नहीं सुना जा सकता। लेकिन आज कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ये अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं दूसरी ओर वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद और मुथरे की कृष्णजन्मभूमि का मामला पहले ही अदालत में खुला है। ज्ञानवापी की याचिका में मुस्लिम का ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश वर्जित करने, परिसर को हिंदू को सौपने के साथ ही परिसर में कथित शिवलिंग की नियमित पूजा- अर्चना करने के अधिकार की मांग की थी।
मूरत की कृष्ण जन्मभूमि विवाद भी कोर्ट में
वहीं मूरत की कृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी विवाद जारी है। मथुरा की सिविल कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही सलाह की चिंता का सर्वेक्षण का आदेश दिया है। मुथेर का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर नामांकित है। 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था। इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। हिंदू पक्ष की शाही अदालत में मस्जिद पर अवैध तरीके से कब्जा करके बनाई गई रूपरेखा तैयार की गई है और इसकी जमीन पर भी दावा किया गया है।
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