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देश के पहले ‘मिस्टर इंडिया’ की कहानी, एक हादसे से सब कुछ उजड़ गया, खुले आम ने कहा- हां मैं हूं

एक हैंडसम और स्टाइलिश एक्टर, जो देश के पहले ‘मिस्टर इंडिया’ बने। 6 फीट की हाइट, अमिताभ बच्चन की तरह पर्सनालाइट और जिन्होंने अपने लुक्स से कई लोगों को अपना दीवाना बनाया। लेकिन कहते हैं न कि नसीब का लिखा हुआ बहुत मुश्किल होता है। ऐसा ही कुछ पहले ‘मिस्टर इंडिया’ बने दीपक पाराशर के साथ भी हुआ। एक दुर्घटना ने उन्हें अर्श से फ़र्श पर ला दिया। पत्नी अपनी 5 महीने की बेटी को लेकर घर चली गई और फिल्मी करियर भी बर्बाद हो गया। क्या आप जानते हैं कि उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि ये एक समलैंगिक हैं।

देश के पहले ‘मिस्टर इंडिया’ दीपक पराशर की कहानी को शायद ही आप जानते होंगे। ‘मिस्टर दिल्ली’ से ‘मिस्टर इंडिया’ बने। फिल्मों में जीनत अमान के साथ काम किया। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिससे उन्हें उम्मीद नहीं थी। वर्षों बाद उन्होंने ये देशवासियों को चौका दिया था कि मैं समलैंगिक हूं।

ऐसी हुई शुरुआत
80 के दशक में फिल्मों में उनका दमदार अभिनय से उनकी खास पहचान बनाने वाले दीपक पराशर की कहानी बहुत फिल्मी है। 2 अप्रैल 1952 को पुणे में जन्में दीपक के सेना पिता और मां हाउस वाइफ थीं। दिल्ली में पापा के लोकेशन के बाद हुआ, तब पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में रिजर्वेशन लेना था। सेंट स्टीफन कॉलेज में स्टेक लिया और इस दौरान होटल लॉज का भी कोर्स किया। एक दिन दोस्तों के साथ कॉफी पीने के एक रास्ते में पहुंचे तो देखा लड़के-लड़कियों की लाइन लग गई। तो बता दिया कि मिस्टर इंडिया और मिस इंडिया बनने के लिए यहां फार्म मेरा जा रहा है।

1976 में देश के पहले ‘मिस्टर इंडिया’ बने
दोस्तों के कहने पर उन्होंने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। दोस्तों ने आनन-फानन में पेड़ अरेंज किए और दीपक पराशर चलने से लेकर सवाल-जवाब तक के सारे राउंड पास चले गए। आगे के दौर के लिए मुंबई पहुंचे, जहां युवा इस ताज के लिए पहुंचे। मुंबई पहुंचने के बाद भी जलवा जारी रहा और 1976 में वह पहले ‘मिस्टर इंडिया’ के लिए चुने गए। जीनत अमान और देव आनंद ने उन्हें ताज से नवाजा था।

श्याम बैनिगल के साथ खुश काम
‘मिस्टर इंडिया’ बनने के बाद उनमें कई ऑफर्स आने शुरू हो गए। कई टॉप ब्रैड्स के ऐड करने के बाद ये एक टॉप मॉडल की लिस्ट में शुमार हो गए। फिर दीपक ने फिल्मों की तरफ रुख किया। उन्होंने कल्ट क्लासिक फिल्मों में निदेशक के रूप में भूमिका निभाई, निशांत और अंकल जैसी कल्ट क्लासिक फिल्मों में काम किया। श्याम बैनिगल जैसे डायरेक्टर के साथ काम करके इन्होंने बॉलीवुड की बारिकियां सीखी और फिर एक्टिंग के लिए भी ऑफर आने शुरू हो गए। उन्होंने यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स प्रतियोगिता में भाग लिया और इसके विजेता भी बन गए। यहीं प्रतियोगिता थी, फिल्म इंडस्ट्री जिसने राजेश के साथ सुपरस्टार दिया था।

चोपड़ा ने इस फिल्म से पहली बार अभिनय किया
चोपड़ा ने उन्हें बड़ा ऑफर दिया और उनके अभिनेता के तौर पर बॉलीवुड में एंट्री हो गई। ये फिल्म थी ‘इंसाफ के पैमाने’, जो 1980 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उनके साथ जीनत अमान नजर आईं। इसके बाद ‘आप तो ऐसा न थे’ में उन्हें देखा गया। फिल्म का गाना ‘तू इस तरह से’ इतना हिट हुआ कि लोग ही नहीं मेकर्स ने भी इसकी मंजूरी के दीवाने हो गए। ये वो दौर था जब मल्टी स्टारर फिल्में ज्यादा बन रही थीं। राज बब्बर के साथ दोनों की जोड़ी खूब जमी।

पंखे से की थी दीपक ने शादी
सरिता नाम के फैन से इन्होंने शादी की. शादी के बाद एक बेटी भी हुई, जिसका नाम राधिका रखा। बेटी 5 महीने की थी तो एक फिल्मी इवेंट के लिए इन्हें दुबई से दिखाया गया, जहां इन्हें सम्मानित किया गया। दुबई पहुंचे तो वहां एक बोट राइड पर निकले। नसीब को कुछ और बंधक बना लिया गया और वह किसी दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। हादसे में दीपक के साथ मौजूद 2 लोगों की मौत हो गई और वह बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बहुत कोशिशों के बाद उन्हें बचाया गया और कई दिनों के बाद वापस भारत लाया गया।

3 साल में सब कुछ बदल गया
जो शख्स एक खूबसूरत पर्सनेलाइट का मालिक था, वो अब व्हीलचेयर पर चलने को मजबूर था। उसकी हस्ती खेलती जिंदगी भी बर्बाद हो गई। इस हादसे के बाद उनकी पत्नी अपनी बेटी को लेकर उन्हें छोड़कर चली गईं। हालांकि, उनके माता-पिता इस कठिन घड़ी में उनके साथ थे। इस हादसे से उभरने में ये 3 साल लग गए। लेकिन इन 3 सालों में बॉलीवुड अपनी जगह बना लिया था और इस बीच कई नए चेहरे अपनी जगह बना लिए थे।

फिर करना पड़ीं बी ग्रेड फिल्में
दीपक ने फिर काम पाने के लिए मेकर्स के पास कई चक्कर काट लिए, लेकिन बॉलीवुड में उड़ते सूरज को ही सलाम होता है। डूबते सूरज की तरह दीपक को भी भूला दिया गया। अच्छे बैनर न मिलने के कारण बी ग्रेड फिल्मों को साइन किया गया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि हॉरर फिल्मों में वो ऐसे उलझते हैं कि फिर सालों तक हॉरर फिल्में ही करते रहते हैं।

बिग बॉस में कहा था- हां मैं गया हूं
उन्होंने वर्ष 1993 में ‘आंधियां’ नाम के धारावाहिकों से टीवी पर शुरुआत की। इसके बाद ‘जी हॉरर शो’, ‘चंद्रकांता’, ‘स्वाभिमान’, ‘कानून’, ‘रिश्ते’, ‘डॉलर बहू’, ‘कहीं तो होगा’, ‘बिग बॉस 1’, ‘चंद्रमाला’ और ‘नीम नीम शहद शहद’ ‘ जैसे टीवी शो में नजर आए। बिग बॉस में उन्होंने खुलासा किया कि वे एक हैं और इस बयान से फिल्मी गलियारों में बड़ी हरकतें करते हैं। दर्शकों के लिए उनके ये बयान चौंकाने वाले थे।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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