जोशीमठ के जिन इलाकों में चौड़ी होती जा रही है, वहां सरकार केंद्र की एक टीम पहुंचती है। विशेषज्ञ की केंद्रीय टीम पता लगा रही है कि दरार चौड़ी क्यों हो रही है और इसका क्या समाधान है। सेंटर सरकार की टीम जोशीमठ के दशक में व्यस्त है। वहीं जोशीमठ के 2 लड़कों को तोड़ने का काम जारी है। इसी बीच इंडिया टीवी जोशीमठ के उस गांव तक पहुंच गया जहां एक साल पहले दरारें आनी शुरू हो गई थीं।
यही गांव है जोशीमठ की विनाश का केंद्र
जोशीमठ के धंसने की जहां से शुरुआत एक साल पहले हुई थी, इंडिया टीवी उस गांव में संदेश है। जोशीमठ से 4 किलोमीटर ऊपर ओली रॉड पर एक गांव है, सुनील गांव। ये गांव जोशीमठ में आई विनाश का केंद्र है, क्योंकि जिस तरह की दरारें आज पूरे जोशीमठ के हर घर में हैं, यहां आज से एक साल पहले इस गांव के तीन मकानों में दरार आई थीं। उस वक्त लोगों ने प्रसाशन से शिकायत भी की पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और कहा कि घरों की सूरत ठीक नहीं है।
स्थानीय लोगों ने बयां किया दर्द
आज ये दरारें और बड़ी हो गई हैं। लोग दरारों के बीच में कपड़े पहनने को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि आज बड़े-बड़े होटलों में दरार आई तब जाकर प्रसाशन होगा। हम एक साल से इन रहस्यों को छुपाने वाले घरों में रह रहे हैं। अब हमें होटल में ट्वीट किया गया है पर हम खेती पर रुके हुए जानवरों के दूध से घर आते हैं। इस गांव के लोगों ने कहा कि विस्थापन से हमें रोजगार कहां मिलेगा, सरकार हमें मदरबोर्ड दे ताकि घर चल सके। एक साल पहले दरार आई थी। आज और विस्तृत हो गया, सामान घर के अंदर ही है, घर कभी भी पलट सकता है।
देश की 7 बड़ी संस्थाएं कर रही सर्वे
वहीं, जोशीमठ को बचाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार कार्रवाई में है। ख़बर है कि जोशीमठ में इस वक़्त देश की 7 बड़ी संस्थाएँ सर्वे कर रही हैं। भारत सरकार के साथ IIT रुड़की और इसरो सहित 7 संस्थान जोशीमठ के भू-धंसाव का सर्वे कर रहे हैं। उत्तराखंड के स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत ने इंडिया टीवी को बताया है कि ये सभी संस्थान एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट अपनी रिपोर्ट देंगे।