
रानी मुखर्जी (रानी मुखर्जी) की सास, आदित्य चोपड़ा-उदय चोपड़ा की मां और यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा। जिन्हें इंडस्ट्री में सभी प्यार से पैम बुलाते हैं। उन्होंने न सिर्फ यश चोपड़ा की फिल्मों में योगदान दिया बल्कि उन्हें कभी नहीं तोड़ा। चोपड़ा ने जब कोई बड़ा कदम उठाया तो यश उन्हें हार मान लीं पामेला (पामेला चोपड़ा) ही थीं। दिल्ली की रहने वाली पामेला से शादी के बाद यश चोपड़ा (यश चोपड़ा की पत्नी) की फिल्मों में महिलाओं को लेकर सॉफ्टनेस देखने को मिली। महिलाओं के विवरण को वसीयत में दिखाया गया है। जो अपना फैसला ले सकते हैं। वाइज है। लंबे शेयर रोल गड़े गए।
कौन हैं पामेला चोपड़ा, कामकाज और रहने वाला कमरा
पामेला पढ़ी लिखीं, खूबसूरत और इंटीलीजेंट महिला स्टेटस। जिनके परिवार के साथ पति के कामकाज में हमेशा अपनी राय रखी। वो बेशक पर्दे पर नहीं आए लेकिन उन्होंने पर्दे के पीछे से वो सब किया जो चोपड़ा परिवार के लिए कोई न कर पाता। बहुत कम लोग जानते हैं कि अमिताभ बच्चन की ‘कभी-कभी’ की कहानी पामेला ने ही लिखी थी। वे संगीत से काफी अनाकर्षक हैं। चोपड़ा यश (Yash Chopra) भी अपना ये टैलेंट का अवतार करते थे. पैम ने ‘सिलसिला’ (पामेला चोपड़ा सॉन्ग) से लेकर कई फिल्मों के गाने भी गाए। कहते हैं कि पामेला और यश चोपड़ा के घर में एक रौशनी वाला कमरा भी है। जहां चीजें होती हैं सिर्फ गाने और खास की।
पामेला चोपड़ा और यश चोपड़ा की प्रेम कहानी

हाल ही में नेटफ्लिक्स पर ‘द रोमांटिक्स’ रिलीज़ हुई। इस सीरीज में यश चोपड़ा की फिल्मों, योगदान और पामेला का भी जिक्र है। वह खुद अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताते हैं। पामेला (यश चोपड़ा और पामेला चोपड़ा की लव स्टोरी) ने बताया कि दोनों की शादी अरेंज मैरिज थी। वह कहते हैं-
चोपड़ा यश दिल्ली में रोजगार देने के लिए आए थे। दोनों की मुलाकात मैच्योर दोस्त के जरिए हुई थी। उस दोस्त ने डिनर के लिए मेरे पिता से पूछा। वो समय वो था जब माता पिता से लाइसेंस ली गई थी। पामेला ने यश को स्पष्ट अस्वीकार कर दिया था। पामेला को तो यश बहुत ही अजीब लगे थे। क्योंकि वह कुछ कह रहे हैं संस्कृतते नहीं थे। दोनों बस के बीच में ही सब कुछ सिमट गए। दोनों ने ही एक दूसरे में इंट्रस्ट नहीं दिखाया।
पामेला चोपड़ा
चोपड़ा के भैया भाभी रिश्ता लेकर पहुंचे यश

फिर एक दिन यश चोपड़ा के बड़े भाई चोपड़ा और उनकी वाइफ दिल्ली आए। उन्होंने पामेला के पैरेंट्स से यश के लिए अपना हाथ मांगा। दोनों परिवार के बीच बातचीत हुई और फिर ये रिश्ता पक्का हो गया। दोनों ने धूमधाम से सभी बंधन बंधे इस शादी (यश चोपड़ा और पामेला चोपड़ा मैरिज) को किया।
हनीमून पर चोपड़ा यश ने लिया था ये बड़ा फैसला

सभी जानते हैं कि यश चोपड़ा का स्विजरलैंड बेहद खास डेस्टिनेशन है। वह हनीमून के लिए भी इस जगह पर पहुंचे थे। वाइफ के साथ जब वो हनीमून पर जा रहे थे तब उन्होंने सोचा कि अब ज़हर आ गया है कि वो अपने आप को कुछ शुरू करें। वह अब तक बड़े भाई चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस में रोइंग की 4-5 फिल्में असफल रहीं। जब वह हनीमून से लौटा तो उसने अपना प्रोडक्शन हाउस खोलने का मन बना लिया।
पामेला ने हर कदम पर दिया साथ

जब चोपड़ा यश ने प्रोडक्शन हाउस खोलने का फैसला किया तो कोई भी इस राय से खुश नहीं था। चोपड़ा भी चाहते थे कि वह किसी की प्रोडक्शन में डायरेक्ट करें। वह नहीं चाहते थे कि होनहार के डायरेक्टर उनकी कंपनी छोड़ दें। खुद भी यश जोखिम उठाने से सपने देख रहे थे। वे अब तक फिल्में तो कई डायरेक्ट कर ली थे जो हिट भी साबित हुईं मगर उनके पास प्रोडक्शन का एक्सीरियर नहीं था। वह डर रहे थे कि वह प्रड्यूसर की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस वक्त पामेला ही थे कौन यश को समना। दिया और विश्वास दिया कि वह इस काम को भी अच्छे से कर पाएंगे।
यशराज फिल्म्स की पहली फिल्म और वो टेंशन

साल 1974 में 10*10 के कमरे में यश चोपड़ा प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत हुई। उस जामने के प्रसिद्ध डिस्ट्रीब्यूटर और नामांकित गुलशन राय ने उनका समर्थन किया। साल 1995 में उन्होंने पहली फिल्म दागी। जिस ने इस फिल्म को बहुत ही कूल रिएक्शन दिया। गुलशन तक ने कह दिया था कि ये फिल्म ज्यादा संभव नहीं होगी। ये सब सुनकर यश चोपड़ा तनाव में आ गए थे। मगर पामेला ने तब भी कब्जा कर लिया और उन्हें निराश कर दिया कि सब ठीक है। जब दाग परदा हुआ रिलीज तो हिट साबित हुई।



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