
सल्वा कीर, दक्षिणी सूडान के राष्ट्रपति
दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति का वायरल वीडियो: राष्ट्रगान का वक्त अगर किसी देश के राष्ट्रपति को पैंट में पेशाब हो जाए तो कार्यक्रम का क्या होगा, लोगों की प्रतिक्रिया क्या होगी और सोशल मीडिया में किस तरह का मजाक बनेगा?…इन सभी सवालों के जवाब से आप वाकिफ होंगे। ऐसा ही एक मामला सामने आया है दक्षिणी सूडान में जहां के राष्ट्रपति को राष्ट्रगान गाते अधिकार-खड़े पैंट में पेशाब हो गया। इसके बाद उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया में वायरल हो गया। राष्ट्रपति के सुरक्षा प्रशासन ने इस जुर्म में उल्टे करीब झह लोगों को जेल भेज दिया।
आपको यह सुनकर हैरानी हो रही होगी कि राष्ट्रगान के नशे में पैंट में दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सलाहवा कीर मयार्दित ने फिर उल्टे दूसरे लोगों को गिरफ्तार क्यों किया और उन्हें जेल क्यों भेजा गया? … तो चलिए आपको समझाते हैं कि पूरा वाक्य क्या है ?
बेइज्जती होने पर पागल को जेल भेज दिया गया
विशेष रूप से दक्षिणी सूडान के राष्ट्रपति सलाहवा एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। वायरल वीडियों में राष्ट्रगान के वक्त वह पंक्ति में सबसे आगे दिख रहे हैं। टमाटर राष्ट्रगान पर बैंड की धुन चल रही है और इसी दौरान पैंट पैंट में पेशाब करते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो में प्रेसेंट की पैंट ऊपर से नीचे की ओर सख्त दिख रही है। बताया जा रहा है कि इस दौरान काफी संख्या में पत्रकार पत्रकार भी कवरेज के लिए मौजूद थे। सरकार को इस बात की आशंका है कि इनमें से कुछ पागलों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया। इससे दुनिया भर में दक्षिणी सूडान के राष्ट्रपति के थू-थू हो गए। इस जुर्म में प्रशासन ने करीब छह अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
लोग पूछते-पैंट में पेशाब करने वाले कैसे शासन करेंगे?
सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति का वीडियो वायरल होने के बाद लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जब सल्वा मीर ने राष्ट्रगान के दौरान ही पैंट में पेशाब कर दिया तो वह देश पर शासन करेंगे। लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि पैंट में पेशाब करने वाले नेता दुश्मन देशों से अपने देश और जनता की रक्षा कैसे सुनिश्चित करेंगे? राष्ट्रपति के वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर फिर से ली जा रही है। लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। उद्र लंगर अटक जाने के बाद राष्ट्रपति की ओर से कोई आधिकारिक बयान या प्रतिक्रिया इस मस्के पर सामने नहीं आई है।
पापराज़ी की सुरक्षा समिति ने किया विरोध
राष्ट्रपति के पैंट में बंधन करने के मामले में कंट्रोल रूम के निदेशक जॉबल तांबे, कैमरामैन जोसेफ ओलिवर, जैकब बेंजामिन और विक्टर लाडो, मुस्तफा उस्मान व चेरबेक रूबेन को हिरासत में लेने के लिए जाने की बात सामने आ रही है। पापराशि की सुरक्षा समिति ने इसके विरोध में सरकार की आलोचना की है और इसे गलत करार दिया है। पत्रकार संघ ने अपने सभी 6 साथियों को सरकार से बिना शर्त रिहा करने की मांग की है। हालांकि कुछ पूर्वाग्रहों में वे सिर्फ आरोप लगाने के लिए जाने की बात कह रहे हैं।



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