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गांधी प्राणी उद्यान में बढ़ी हुई टाइगरो की संख्या, प्रदेश का एकमात्र चिड़ियाघर है, जहां टाइगरों का कुनबा दहेला का ढक्कन पकड़ा गया है

ग्वालियर चिड़ियाघर समाचार: शहर के गांधी प्राणी उद्यान में घूमने वाले सैलानियों को अब नया रोमांच देखने को मिलेगा। इसकी वजह यह है कि जू में अब एक-दो नहीं बल्कि पूरे 10 टाइगर हो गए हैं। यह दुर्लभ: प्रदेश का एकमात्र चिड़ियाघर है, जहाँ बाघों का कुनबा दहेला का पात्र छूता है।
गुरुवार को नगर निगम के इस चिड़ियाघर में ज़िम्बा टाइगर और नर टाइगर लव के मिलन से तीन शावकों का जन्म हुआ। मीरा एवं उसके तीनों शावक स्वस्थ हैं। इनमें से दो बाघ पीले और एक सफेद रंग के हैं।

इससे पहले सात मार्च को मां टाइगर दुर्गा ने दो शावकों को जन्म दिया था। जू क्यूर गौरव परिहार ने बताया कि मादा टाइगर मीरा का जन्म भी वर्ष 2013 में चिड़ियाघर में ही हुआ था। मीरा मीरा और नर लव द्वारा तीसरी बार शावकों का जन्म हुआ है। वे भोजन के रूप में चिकन सूप जैसे भोजन में प्रवेश करते हैं, दूध, परिणाम परिणाम दिए जा रहे हैं। अब शावकों को 30 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें सैलानियों के लिए स्टॉक में डाला जाएगा।

टाइगर का कुनबा बढ़ने के बाद अब चिड़ियाघर प्रबंधन सेंट्रल जू अथारिटी की वेबसाइट पर टाइगर का परिवर्तन कर दूसरा वन्य प्राणी आने के लिए प्रमाणीकरण करेगा। जू क्यूर के अनुसार टाइगर के प्रतिक्रिया में कोई भी वन्य प्राणी ही चिड़ियाघर में लाया जाएगा। इसमें भेड़िया, ढोल (जंगली श्वान) और चौसिंघा को प्राथमिकता दी जाएगी। वर्तमान में चिड़ियाघर में सिर्फ एक भेड़िया है, जबकि जंगली श्वान और चौसिंघा नहीं हैं। ऐसे में किसी दूसरे चिड़ियाघर से इन चुनिंदा वन्य जीवों को बाघ के बदले में आने की प्रक्रिया की जाएगी।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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