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प्रयागराज के माघ मेले में इस्लामिक साहित्य की बिक्री के मास्टरमाइंड ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं

इलाहाबाद। संगम नगरी प्रयागराज में सनातन धर्म के सबसे बड़े मेले माघ मेले में इस्लामिक साहित्य रखे जाने के मामले का प्रयागराज पुलिस ने खुलासा कर दिया है। क्राइम साइंस ने माघ मेले में इस्लामिक साहित्य दिए जाने के मामले में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। मास्टरमाइंड महमूद हसन गाजियाबाद में पैगा में बहूदानी संस्था के अध्यक्ष हैं। वह इस्लाम हिमादिया मदरसा मरियाडीह में शिक्षक भी है। वह इस्लाम धर्म को ऊंचा उठाता है और हिंदू धर्म की निगाहें हिंदू धर्म के वेद रिचाओं के श्लोक का प्रिंट कर और उसका गलत अर्थ छपवा कर गरीब लड़कों को बहला-फुसलाकर उन्हें प्रति माह देते हुए हिंदू धर्म के स्थानों के आस पास नि: नहीं बंटवारे है।

किताब साथी वाले दो युवक मोहम्मद मोनिश और समीर अर नरेश को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मोहम्मद मोनीश एस. आई.ओ. संबंधित इस्लामिक संगठन का पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सेक्रेटरी है और समीर भी इसी गुट का सक्रिय सदस्य है। क्राइम क्राइम की पूछताछ में पता चला है कि इस्लामिक साहित्य से जुड़े दोनों युवक पहले हिंदू थे और बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया और अब इस्लामिक साहित्य और पंपलेट का काम करते हैं।

महमूद हसन गाजी फतेहपुर का रहने वाला है जो मौजूदा समय में करेली में रहता है, उसी समय मोहम्मद मोनिश आशिष कुमार गुप्ता हनुमानगंज थाना सराय इनायत का रहने वाला है जबकि समीर ऊर नरेश छोटा लालापुर चायल कौशांबी जिले का रहने वाला है। पुलिस की पूछताछ में इनके विदेशी संबंधों का भी खुलासा हुआ है। आबुधाबी से इस्लामिक साहित्य संबद्ध होने के लिए इनका वित्तपोषण भी किया गया था। क्रोमो अब जांच की मदद से एलियन फंडिंग की डिटेलिंग रही हैं। पुलिस ने अभियुक्तों के व्यवसाय से 204 धार्मिक पुस्तकें 3 मोबाइल फोन 4 आधार कार्ड और कुछ नगद रुपए बरामद किए हैं।

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एडिश्नल डीसीपी सतीश कुमार के मुताबिक इस मामले में इंटेलिजेंस एजेंसियां ​​भी जांच में जुटी हैं। इसके अलावा अभियुक्तों के मोबाइल नंबर से इसका भी पता लगाया जा रहा है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से हिंदू और मुस्लिम धर्म के नाम से दो अलग-अलग आधार कार्ड भी मिले हैं। यह जहां पर जिस स्थान पर जाता है उसके अनुसार उपयोग करते थे। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने प्रयागराज से लेकर काशी के अस्सी घाट तक धार्मिक पुस्तकों के बेचने की बात कबूल की है।

अभियुक्तों के खिलाफ दारागंज थाने में आईपीसी की धारा 153ए, 295ए, 419, 420, 467, 468, 47, 505(2) आईपीसी व 3/5 उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभी पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को जेल भेजा है।

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