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उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों के लिए बहुसंख्यक पिछड़ा वर्ग आयोग ने काम करना शुरू कर दिया है

आयोग के अध्यक्ष (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह ने कहा कि आयोग डेटा संग्रह के लिए प्रत्येक जिले में जाएगा और जिलााधिकारियों से संपर्क करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को उम्मीद है कि उनका काम छह महीने में पूरा हो जाएगा।

स्थानीय निकाय चुनाव के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चिपचिपा वर्ग आयोग की पहली बैठक शनिवार को हुई जिससे व्यापक सर्वेक्षण के संबंध में प्रदेश और निर्णय पर निर्णय हुआ और उम्मीद है कि जनप्रतिनिधि उचित जानकारी तय करेंगे। आयोग के अध्यक्ष (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह ने कहा कि आयोग डेटा संग्रह के लिए प्रत्येक जिले में जाएगा और जिलााधिकारियों से संपर्क करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को उम्मीद है कि उनका काम छह महीने में पूरा हो जाएगा।

अध्यक्ष ने कहा कि आयोग अन्य राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में किए गए कार्यों को देखेगा और जाने देगा कि वहां क्या प्रक्रिया अपनाई गई है। बैठक के बाद पापराशि से बात करते हुए (सेवानिवृत्त) सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव विषयक अन्य आलसी वर्ग के तथ्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी पहली रिपोर्ट अगले तीन माह में जमा कर देगा और उसके बाद 2-3 माह की अवधि में शेष सभी एडुकेट्स की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आयोग का गठन छह माह की अवधि के लिए किया है, तय समय में पूरा काम लिया जाएगा। सब्सक्राइब (सेवानिवृत्त) सिंह ने कहा कि पोल में नाम डेटा प्राप्त हो जाएगा, इसके लिए आयोग की टीम सभी 75 नेटवर्क में और जिला प्रशासन से सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम गलत हैं, इसके लिए जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव आमंत्रित करेंगे। उनका कहना था कि टीम जब संवेदनशील होगी, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत-संपर्क करेगी।

उनके साथ ही, शेयर आयोग के सदस्य सचिव की ओर से फोन नंबर भी जारी किए जा सकते हैं। सब्सक्राइब (सेवानिवृत्त) सिंह ने कहा कि शनिवार की बैठक में सभी सदस्यों की उपस्थिति रही और एक सदस्य की सदस्यता माध्यम से हुई। उन्होंने कहा कि आयोग ने अब विधिवत कामकाज शुरू कर दिया है, हर दिन बैठक होगी। उनका कहना था कि यह बिल्कुल नया कार्य है, ऐसे में सभी कथनों पर गहन विचार-विमर्श के बाद ही कार्यवाही की जाएगी।

इस आयोग के अन्य चार सदस्य रिटायर आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा और एकल कुमार, पूर्व अपर विधि सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और बृजेश कुमार सोनी हैं। आयोग के सदस्यों का नियुक्ति राज्यपाल से मंजूरी के बाद किया गया है। नगर विकास विभाग द्वारा जारी एक सूचना के अनुसार, इस आयोग का कार्यकाल अध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण करने के दिन से छह महीने के लिए होगा। उल्लेखनीय है कि इस आयोग का गठन इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में मसौदे को खारिज कर दिया गया है और ओबीसी को विवरण दिए गए स्थानीय निकायों द्वारा चुनाव का आदेश दिए जाने के बाद दिया गया है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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