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सरकार की पुनर्वास नीति का बड़ा असर, आत्मसमर्पित नक्सलियों ने गृहमंत्री से साझा किए अनुभव

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आत्मसमर्पित नक्सलियों का समाज की मुख्यधारा में लौटना सरकार की पुनर्वास नीति की बड़ी सफलता को दर्शाता है। बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा से सटे पामेड़, पालागुड़ा, मारूड़बाका और भैरमगढ़ के 28 आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की और उन्हें ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ स्वागत किया।

आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिल रहा कौशल प्रशिक्षण

सरकार द्वारा राजमिस्त्री एवं अन्य कौशल विकास प्रशिक्षण से आत्मसमर्पित नक्सलियों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है। पिछले तीन महीनों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे इन पूर्व नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री से संवाद के दौरान शासन की पुनर्वास नीति की सराहना की और कहा कि अब उनका जीवन बेहतर दिशा में बढ़ रहा है

भटके जीवन से मुख्यधारा में लौटने की कहानी

पूर्व नक्सली रामलू भंडारी, अर्जुन मड़काम, सोमारू माड़वी और सुखराम हेमला ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा:
“पहले नक्सली संगठन में हमारा जीवन भटका हुआ और गुमराह करने वाला था। लोकतंत्र और समाज की सच्चाई से अनजान होने के कारण गलत रास्ते पर चले गए। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर अब हम बेहतर जीवन जी रहे हैं। शासन-प्रशासन द्वारा हमें कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे हम आत्मनिर्भर होकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।”

सरकार की पुनर्वास नीति से आत्मनिर्भरता की ओर

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पुनर्वास केंद्रों में आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और बैंक खाता जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ इन व्यक्तियों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि:

  •  पुनर्वास केंद्र में सकारात्मक ऊर्जा के लिए प्रार्थना व पूजा-अर्चना को दिनचर्या में जोड़ा जाएगा।
  •  साक्षरता बढ़ाने के लिए विशेष शिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
  •  मनोरंजन, खेलकूद और देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों के माध्यम से समाज के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
  •  बाहरी दुनिया से परिचित कराने के लिए रायपुर और जगदलपुर जैसे शहरों की एक्सपोजर विजिट कराई जाएगी।

प्रशिक्षण से रोजगार के नए अवसर

राजमिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उत्साहपूर्वक कहा कि वे अब सिविल कार्य में हाथ आजमाएंगे, ताकि रोजगार और आय का स्थायी स्रोत मिल सके

उत्साह और उम्मीद से भरा माहौल

गृहमंत्री से मुलाकात के दौरान आत्मसमर्पित नक्सलियों में नए जीवन की उम्मीद और आत्मनिर्भरता की भावना नजर आई। इस अवसर पर बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी पी. सुंदरराज, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, डीएफओ रंगानाथा रामाकृष्णा वाय, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार और उप निदेशक इन्द्रावती टाइगर रिजर्व संदीप बल्गा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 


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