कोंडागांवछत्तीसगढ़

आवेदिका एवं पार्षद का जमीन विवाद मामला, आयोग भेजेगा कलेक्टर नारायणपुर को पत्र,

_ एस.डी.एम., तहसीलदार, आर.आई एवं पटवारी की सयुक्त टीम स्थल निरीक्षण कर विवाद खत्म करेगी_

आयोग में प्रकरण दर्ज कराने के बाद आवेदिका को मिला 6 माह का बकाया वेतन

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव |  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं सदस्यगण दीपिका शोरी, ओजस्वी मंडावी, सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा ने आज जिला पंचायत कोण्डागांव के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 331 वीं एवं कोण्डागांव जिला में आज 5 वीं सुनवाई हुई। जिले में आयोजित जन सुनवाई में 15 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।

आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनो के पक्ष को देखा गया आवेदिका पक्ष विगत 70 वर्षों से खसरा न. 390/1 में लगातार काबिज चल आ रहे हैं। इसी जमीन पर आवेदिकागणों ने 2008 में ईट निर्माण की अनुमति मांगी थी। जो कि कुल 70 डिसमिल जमीन है और सभी आवेदिकागणों इस 70 डिसमील जमीन में लगातार काबिज है। अनावेदकगणों के द्वारा वर्ष 2022 में आवेदिकागणों की भूमि में 10 डिसमिल जमीन को अपना बताते हुए कागजी कार्यवाहियों प्रारंभकिया गया और उन्हें यह बताया कि 390/2 की 10 डिसमिल जमीन को उनके द्वारा 11.10.1977 में महादेव पिता भैरोसिंग से खरीदा था।

अपनी मूल रजिस्ट्री की कॉपी अनावेदक ने आयोग में दिखाया और बी1 खसरा पाँचसाला 1970 से 1977 का प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत किया, जिसमें खसरा नंबर 390/1 आवेदिका के नाम पर और 390/2 महादेव के नाम पर दर्ज दिखा रहा है। आवेदिकागणों की आपत्ति है कि यदि 1977 में जमीन खरीदी थी, तो अभी सीमांकन क्यों करा रहे है? अनावेदकगणों से पूछा गया कि 1977 से 2022 में कितना साल बीत गया, उन्होने स्वयं कहा कि 45 साल बीत गये हैं और इन 45 सालो मे उनके द्वारा सीमांकन की प्रकिया कभी नहीं की गयी। यह भी उनके द्वारा स्वीकार की गयी। व्यक्तिगत जमीन पर यदि कोई व्यक्ति 12 वर्ष से अधिक तक कब्जे में रहता है, तो मालिकाना हक की कानूनी प्रकिया के लिये अलग प्रावधान है।

इस तथ्य की जानकारी हरेक को होती है और यही एक कारण है कि आवेदक द्वारा की जा रही कानूनी प्रकिया में आवेदिकागणों को आपत्ति है। चूँकि यह विषय राजस्व के गंभीर जॉच का मामला है, अतः इस प्रकरण में कलेक्टर नारायणपुर को पत्र लिखा जाये कि अनावेदकगणों की रजिस्ट्री बैनामा 1977 का, बी1 पॉचशाला, आवेदिकागणों का खसरा नंबर 390/1 के समस्त दस्तावेजो के जॉच किये जाने हेतु एस.डी.एम. तहसीलदार, आर.आई. पटवारी हल्का नं. 17 के पटवारी की संयुक्त टीम बनाकर स्थल निरीक्षण और सीमांकन कर आवेदिका के 70 डिसमिल का चिन्हांकन करे और चिन्हांकन करो सीमांकन के साथ नक्शा और जॉच प्रतिवेदन 03 माह में आयोग को प्रेषित करें। प्रकरण का निराकरण प्रतिवेदन मिलने के पश्चात रायुपुर में सुनवाई हेतु रखा जायेगा।

अन्य प्रकरण दूसरे इंजीनियर की नियुक्ति विभाग से हो गयी है। ऐसी दशा में आवेदिका के उसी विभाग में कार्य करने की समावना का निर्णय प्लेसमेंट कंपनी लेगी। आवेदिका ओनलाईन उपस्थित है लेकिन वह पूरी बातों को सुनकर जवाब देने में नजर नहीं आ रही है। अतः इस प्रकरण को शीघ्र सुनवाई के लिये अगस्त माह में रायपुर में रखा जाना है ताकि दानों पक्षों को आमने सामने सुना जा सके। ताकि अंतिम निर्णय पवर पहुँचा जाये।

अन्य प्रकरण उभय पक्ष अनुपस्थित। आवेदिका ने बकाया वेतन भुगतान हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया था। जिसमें आवेदिका ने हस्त लिखित प्रमाण पत्र दिया है कि उसका बकाया लंबित वेतन प्राप्त हो गया है और किसी माह का भी भुगतान लंबित नहीं है। इस पत्र के आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण उभय पक्ष अनुपस्थित। अनावेदक परियोजना अधिकारी आई.सी.जी.एस. है और इस प्रकरण में प्रतिवेदन उनके द्वारा ही प्रस्तुत किया गया है। जो कि स्वयं इस प्रकरण में अनावेदक है। अतः उनके प्रतिवेदन आयोग द्वारा अस्वीकर किया जाता है। और प्रकरण आगामी सुनवाई में रखा जाये।

अन्य प्रकरण आवेदिका उपस्थित। आवेदिका ने बताया कि उसका पति कोण्डागाव में आर आई के पद पर है. और इस अनावेदिका से अवैध रिश्ते में है। सरकारी नौकरी कर रहा है और अपनी पत्नी और बच्चे का पालन पोषण नहीं कर रहा है। अनावेदिका क्र.01 पूर्व से 02-02 रिश्तों से तलाकशुदा है। और उसकी शिकायत आवेदिका ने सखी सेंटर कोण्डागांव में किया था। तभी से आनावेदक क्र 2 आवेदिका का पति ने आवेदिका से बातचीत बंद कर रखा है और उसका नंबर भी ब्लॉक कर रखा है। और घर आना जाना बंद कर दिया है। आवेदिका इस मामले में कुछ अन्य लोगों को पक्षकार बनाकर जोड़ना चाहती है. लिस्ट अनुसार अनावेदकगण जोड़े जायें। तथा प्रकरण शीघ्र सुनवाई के लिये रायपुर रखा जाना है। ताकि उसके प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही हो सके और उसका परिवार जुड़ सके। प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु रायपुर में।

अनावेदकगण सखी सेंटर की प्रशासिका और काऊन्सलर उपस्थित। उनके द्वारा सखी सेंटर में आवेदिका की शिकायत पर की गयी काऊन्सलर के पूरे दस्तावेज प्रस्तुत किया है, जिसमें आवेदिका के खिलाफ पुलिस कार्यवाही होने की जानकारी होने की जानकारी देने के बाद से आवेदिका ने इन अनावेदकगणों के खिलाफ झूठी शिकायत करायी है। अनावेदकगण इस प्रकरण की शीघ्र सुनवाई करवाना चाहते हैं। अतः प्रकरण आगामी सुनवाई के लिये प्रकरण क्र. 132 के साथ एक साथ रायपुर में सुनवाई में रखा जाये, ताकि प्रकरण का निराकरण हो सके।

 


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