छत्तीसगढ़

गौठान योजना बंद करने का दुष्परिणाम सड़कों पर – कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । छत्तीसगढ़ की सड़कों पर मवेशियों की मौत और बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों और फटकार के बावजूद सरकार आंख मूंदे बैठी है। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गौठान योजना को बंद करने का खामियाजा आज आम जनता, किसान और मवेशी भुगत रहे हैं।

वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की संयुक्त पीठ ने मवेशियों की मौत और सड़क हादसों पर सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे। अदालत ने आदेश दिए थे कि –

  • सड़कों से मवेशियों को हटाने विशेष टीम बनाई जाए

  • रात में गश्त बढ़ाई जाए

  • गायों के गले में रेडियम बेल्ट पहनाई जाए

  • काऊ कैचर सक्रिय किया जाए

लेकिन सरकार की तरफ से इन निर्देशों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जनवरी से जुलाई 2025 तक ही 6 दर्जन से अधिक गौवंशी पशुओं और 55 लोगों की सड़क हादसों में जान गई, फिर भी सरकार शुतुरमुर्गी रवैया अपनाए बैठी है।

गौ-संरक्षण पर नहीं नीति, न नियत: कांग्रेस

वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार केवल गाय, गोबर और गौ मूत्र के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन न तो उसकी नीयत स्पष्ट है और न ही कोई ठोस नीति दिखाई दे रही है।
उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि –

  • बारीडीह में 17 गायें,

  • बिलासपुर में 25,

  • रतनपुर-बिलासपुर मार्ग पर 12,

  • दामाखेड़ा में 9,

  • किरना में 18 गायें कुचली गई हैं।

महज दो महीनों में हाईवे पर मवेशियों की मौत की यह चौथी बड़ी घटना है। नगर निगम, पंचायत और हाइवे अथॉरिटी के बीच किसी तरह का कोई समन्वय नहीं दिख रहा है।

गौठानों की बदहाली पर जताया रोष

प्रवक्ता वर्मा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गौठान योजना को याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 10 हजार से अधिक गौठानों में से 8 हजार गौठान आत्मनिर्भर बन चुके थे, जहां महिला स्व-सहायता समूहों की सहभागिता से पशुओं की देखभाल होती थी। गोबर और गौमूत्र की खरीदी से पशुपालक आर्थिक रूप से जुड़े थे। भाजपा सरकार ने आते ही इस सुव्यवस्थित योजना को बंद कर पशुओं को खुला छोड़ दिया। अब ये जानवर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।

वर्तमान में कांजी हाउस खाली हैं, काऊ कैचर निष्क्रिय हैं और गौ-धाम व गौ-अभ्यारण्य के दावे केवल कागजी साबित हो रहे हैं। वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार केवल मोटे कमीशन के लालच में गौ-अभ्यारण्य योजना का नाम भर चला रही है, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में यह योजना पूरी तरह विफल रही है।

गौ-हत्या के पाप से होगा भाजपा का पतन: वर्मा

वर्मा ने कहा कि केवल पशुपालकों पर एफआईआर दर्ज करना समस्या का समाधान नहीं है, सरकार को समग्र नीति बनानी होगी। उन्होंने चेताया कि यदि गौठानों की पूर्ववर्ती व्यवस्था को तत्काल बहाल नहीं किया गया, तो भाजपा को गौ-हत्या के पाप का राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

 


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