इजराइल में महंगाई बेकाबू: साल 2022 दुनिया के कई देशों के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। इस साल पाकिस्तान से लेकर वेनेजुएला और श्रीलंका की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। अब इस साल इजरायल में भी खतरे की घंटी बज रही है। सरकारी आंकड़े इज़राइली सिनिस्टर की तस्वीर दिखा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया के बड़े-बड़े देश भी मेरुदंड की भीषण चपेट में हैं। ब्रिटेन से लेकर जर्मनी जैसे देश भी मार की मार से नहीं बच सकते। ब्रिटेन में देरी के चलते एक साल में तीन प्रधानमंत्री बदलने जा रहे हैं। मगर अस्पष्टता का नाम नहीं ले रहा है।
सेंट्रल ब्यूरो ब्यूरो द्वारा दस्तावेज इस बार जारी करते हुए इजरायल में 14 साल के रिकॉर्ड स्तर पर है। नवंबर में इज़राइली का साल-दर-साल बढ़ा 5.3 प्रतिशत हो गया, जो अक्टूबर 2008 के बाद सबसे अधिक है। 12 महीने की मुद्रा का पात्र की 1 से 3 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से ऊपर जाना जारी है। पिछली बार यह स्लॉट दिसंबर 2021 में सीमा के अंदर था। मगर इस बार बेकाबू हो गया। ऐसे में इजरायल अगर जल्द ही अगले श्रीलंका और पाकिस्तान या वेनेजुएल बन जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
इज़राइली में घरेलू दस्तावेजों में आग लगी
सेंट्रल बैंक द्वारा अप्रैल में आधार वेग को 0.1 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्तमान 3.25 प्रतिशत करने के बावजूद इजरायल की मुद्रा की वृद्धि पर अंक नहीं लगते। लेखापरीक्षा रिपोर्ट है कि बैंक जनवरी की शुरुआत में फिर से विवरण दर। ब्यूरो के अनुसार, सितंबर-अक्टूबर की अवधि में इज़राइल के घरेलू दस्तावेज़ में साल-दर-साल 20.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 12 वर्षों में सबसे अधिक है। स्काई छूती ने रहस्य का अंग भंग किया है। लोग पहले से ही खराब हो रहे हैं। हालत यह है कि खाने-पीने को लेकर सब्जी और दाल के काम शुरू होने लगे हैं। इससे दाल-सब्जी और फल जैसे आम की थाली कम हो रही है। वर्ष 2022 में ही श्रीलंका ने भी ऐतिहासिक मंदी देखी। जब उनके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा। अब इजरायल में भी ऐसे ही हालात बनते दिख रहे हैं।
चीन में 40 साल की सबसे बड़ी मंदी
इस छत की चपेट में खुद को सुपर पावर बनाने में लगा चीन भी आ गया है। चीन में 40 साल का सबसे बड़ा मंदी का बायर चल रहा है। चीन में भी अलर्ट है। बावजूद इसके कि चीन अपनी हरकतों से बज नहीं रहा है। चीन अपना व्यापार बढ़ाने के लिए इन दिनों खाड़ी-अरब देशों से लगातार संपर्क कर रहा है। मगर वह भारत की सीमा पर सैन्य तनाव भी पैदा कर रहा है। इससे चीन की नीयत साफ झलक रही है। कोरोना और गड़बड़ियों के चलते चीन अपने देश के लोगों को संभाल नहीं पा रहा है, लेकिन वह सीमाओं पर बवंडर मचा रहा है।