UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा में चेहरे पर एक ऐसा जख्म जिसे कोई मां बाप अपने दिल और दिमाग से आज तक हटा नही पाया । विगत शिक्षा सत्र में जिस प्रकार से गुरुकुल स्कूल में नाबालिक बालिका के साथ यौन शोषण की घटना से नगर में आक्रोश का माहौल था। जिसमें मुख्य आरोपी के साथ स्कूल के प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य को भी सह आरोपी बनाया गया था।
न्यायालय द्वारा ये जमानत पर हैं, लेकिन स्कूल के संचालक का वरद हस्त इनके सर पर है, आज भी स्कूल का संचालन इन्ही के भरोसे है, नाम के लिए ही दूसरे को सामने लाया जा रहा है, परंतु वास्तविकता यह है की सभी कार्यक्रम इन्ही के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है।
नगर के भोले भाले पालक के बच्चों का भविष्य आरोपी लोगों के हाथ में है, आगे क्या होगा, यह तो भविष्य के गर्त में है पर एक बार सोचना जरूर चाहिए जो प्राचार्य यह मानने को तैयार नहीं था कि घटना स्कूल में ही हुई थी और पालकों से असंवेदनशील ढंग से बयान दिया था।
भले ही नाम के लिए इन्हें हटा कर दूसरे को प्राचार्य बना दिया गया लेकिन आज भी इनका एकाधिकार स्कूल में है । मानो उक्त पूरे घटना क्रम पर ये सह आरोपी बनकर स्कूल प्रबंधन के लिए महामानव बन गए हों ।
मानसिक प्रताड़ना का लगाया आरोप , गुरुकुल स्कूल के प्राचार्य को हटाने स्टॉफ हुआ एकजुट उठ रही मांग
गुरुकुल पब्लिक स्कूल फिर से विवादों में घिर चुका है। इस बार वहां के टिचिंग और अन्य स्टॉफ ने प्राचार्य के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। स्कूल स्टॉफ ने प्राचार्य जगदीश सांखला को हटाने की मांग कर रहे हैं।
गुरुकुल पब्लिक स्कूल के करीब 60 टिचिंग और अन्य स्टॉफ ने ज्ञान दर्शन शिक्षण समिति कवर्धा अंतर्गत संचालित गुरुकुल पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया कि शिक्षक-शिक्षिकाएं और कर्मचारियों से प्राचार्य जगदीश सांखला का बातचीत का तरीका और व्यवहार अत्यंत अशोभनीय है।
वह हमेशा ही कर्मचारियों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते हैं। कर्मचारी उनके तानाशाही व्यवहार से अत्यंत दुखी है। इसके चलते कई कर्मचारी आगे चलकर गुरुकुल विद्यालय परिवार का हिस्सा नहीं रहना चाहते। स्टॉफ ने प्राचार्य को पद से मुक्त करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने मांग रखी कि सैलरी 1 से 5 तारीख के बीच दिया जाए। प्रतिवर्ष अनुसार इंक्रीमेंट दिया जाए।