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वो फिल्म जिसका नाम दर्ज है सबसे ज्यादा 72 हस्ताक्षर के रिकॉर्ड, 91 साल बाद भी कोई नहीं टूटा

हिंदी फिल्में हों और उसमें गाना या म्यूजिक न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। हिंदी फिल्मों की शुरुआत से ही फिल्में और संगीत का हिस्सा हैं। चाहे फिल्म की कहानी कितनी भी गंभीर हो…रोमांटिक हो या फिर कॉमेडी, न जब तक संबद्धता का न लगे, मजा नहीं आता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन सी हिंदी फिल्म में सबसे ज्यादा गाने हैं? किस फिल्म का नाम सबसे ज्यादा अटैचमेंट का रिकॉर्ड है? यह फिल्म 91 साल पहले रिलीज हुई थी और इसमें एक-दो नहीं बल्कि 72 गाने थे।

वाह वेडनेसडे सीरीज में हम आपको इसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं। इस फिल्म का नाम ‘इंद्र सभा’ ​​था, जो करीब 3 घंटे 31 मिनट लंबी बताई गई है। इस नाम से दो फिल्में बनीं। पहली फिल्म मणिलाल जोशी ने बनाई थी और 1925 में रिलीज हुई थी। चूंकि तब मूक फिल्मों का दौर था, इसलिए इसमें न तो किसी तरह का संगीत था और न ही कोई डायलॉग। इसके बाद टॉकी फिल्मों का दौर आया तो 1932 में ‘इंद्र सभा’ ​​नाम से पहली फिल्म बनी। ‘इंद्र सभा’ ​​साउंडर्स पहली भारतीय फिल्म थी, जबकि ‘अलम आरा’ पहली भारतीय टॉकी थी।

इंद्र सभा फिल्म, फोटो: Twitter

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जेएफ मदन ने बनाया था ‘इंद्र सभा’, यह थीं एक्ट्रेस

‘इंद्र सभा’ ​​को जेएफ मदन की कंपनी ने बनाया था, जिसका नाम मदन थिएटर था। जेएफ मदन न सिर्फ एक थिएटर कलाकार थे, बल्कि वह 20 और 30 के दशक की सबसे बड़ी फिल्म वितरक हैं। इंद्र सभा’ ​​इसी नाम के एक उर्दू नाटक पर आधारित थी, जिसे सबसे पहले 1853 में प्रस्तुत किया गया था। फिल्म में जहांनारा कज्जन और मास्टर निसार लीड रोल में थे। जहानारा एक एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि सिंगर भी थीं। बीस और तीस के दशक में उनका खूब जलवा रहा। जहांआरा कज्जन को ‘बंगाल की नाइटिंगेल’ कहा जाता था।

इंद्रसभा पोस्टर

इंद्र सभा फिल्म, फोटो: Twitter

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‘इंद्रधनुष सभा’ ​​का रिकॉर्ड और कहानी

‘इंद्रा सभा’ ​​में थे 72 गाने, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है और आज तक कोई भी फिल्म यह रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई है। इसमें 9 ठुमरी, 4 होली के गाने, 15 गाने, 31 गजलें, 2 चौबोला, 5 छंद और 5 अन्य सामान्य गाने थे। फिल्म की कहानी एक ऐसी मर्यावान और नेकदिल राजा की थी, जो अपने प्रजा के साथ-साथ हर दुखी इंसान पर प्यार लुटाता है और आगे बढ़कर मदद करता है। इसी कहानी में ‘इंद्रसभा’ की एक अप्सरा है, जो राजा की परीक्षा लेने का फैसला करता है। लेकिन राजा की परीक्षा लेने के चक्कर में अप्सरा उसे दिल दे बैठती है।

इंद्रसभा तस्वीर

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कहां हैं ‘इंद्र सभा’ ​​की हीरोइनें?

‘इंद्रसभा’ में जहांनारा कज्जन ने सब्ज पर चरित्र का चरित्र दिखाया, वहीं मास्टर निसार गुलफाम का चरित्र नजर आया। मास्टर निसार और जहांआरा कज्जन की ओफस्क्रीन और ऑन स्क्रीन सुपरहिट जोड़ी बना रही है। दोनों ने एक्टिंग से लेकर सिंगिंग में कमाल दिखाया है। जहानारा कज्जन ने कई दशकों तक इंडस्ट्री में राज किया और फिर 1945 में उनकी मृत्यु हो गई। तब जहानारा मात्र 30 साल की थीं।

जहाँआरा कज्जन

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1956 में भी बनी हुई थी और ‘इंद्र सभा’

इस फिल्म के बाद 1956 में ‘इंद्र सभा’ ​​नाम से एक और फिल्म बनी थी, जिसे नानूभाई बी ने निर्देशित किया था। लेकिन उस फिल्म में 72 गाने नहीं थे। बताया जाता है कि उसे जेएफ मदन की ‘इंद्र सभा’ ​​की सफलता से प्रेरित किया गया था।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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