

अदानी समूह निर्मला सीतारमण: वित्त मंत्री निर्धारक ने अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट को एक कंपनी तक केंद्रित मामला बताते हुए कहा कि शेयर बाजार को स्थिर रखने के लिए सेबी और रिजर्व बैंक जैसे निर्देशों को हमेशा चौकस रहना चाहिए। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा गया है कि बैंक एवं बीमा बंधक ने किसी एक कंपनी में हद से अधिक निवेश नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह आंकलन किया कि भारतीय समग्रों का प्रबंधन बहुत अच्छा प्रबंधन करता है। बैंक एवं बीमा कंपनियां स्वयं ही आगे आकर अडाणी समूह को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर रही हैं। इन्हें किसी एक कंपनी में ज्यादा पैसा नहीं लगता है। यह बात खुद वही सामने आकर कह रहे हैं।
बाजार में कभी-कभी छोटे-मोटे संकेत देते रहते हैं
एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हां, बाजार में कभी-कभी छोटे-मोटे संकेत दे रहे हैं, लेकिन ये संबंध इस तरह के मुद्दों पर ध्यान देते हैं। मेरी स्पष्ट राय है कि हमारे वचन इस सूक्ष्मे में रहने लगे हैं। अदाणी ग्रुप के शेयर शेयर में बीते 10 दिन में भारी गिरावट आई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में स्टॉक बढ़ाने के लिए गलत तरीके से आरोप लगाने के बाद इस समूह की बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से अधिक गिर गया है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी कंपनियां सभी क़ानून एवं गोपनीयता का पालन करती हैं।
यह कंपनी का मामला है
इस मामले में अभिलेखों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर पूछे जाने पर कहा कि मेरी राय बस यही है कि वचन, चाहे वह प्राधिकरण हो या सेबी को समय पर काम करना चाहिए और बाजार को स्थिर रखने के लिए काम करना चाहिए। वित्त मंत्रालय में बने रहें मेरा यही मत है कि मंत्रियों को हमेशा चौकस रहना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि अडाणी ग्रुप के शेयर में जारी गिरावट क्या सिर्फ एक ग्रुप तक ही सीमित मामला है तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा ही लगता है। मुझे इस मामले का भारत में पूंजी विदेशी प्रवाह पर कोई असरदार नहीं दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में विदेशी मुद्रा विक्रेता आठ अरब डॉलर चढ़ा है।



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