
जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति
पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा: भारतीय बाजारों में पिछले कुछ वर्षों के दौरान चीन की चमक कम हुई है। अब चीनी बंधक का दौर भी खत्म हो सकता है। भारत में विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने वाली बहुराष्ट्रीय चीनी कंपनियाँ काम कर रही हैं। मगर भारत और चीन के संबंध संबंधों का असर अब दोनों देशों के व्यापार पर भी पड़ा है। इसलिए भारत अमेरिका को नई खबर के तौर पर रिझा रहा है। इसके लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका को भारत में बड़े निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सोमवार को अमेरिका के कई अग्रणी वैश्विक संगठनों के शीर्ष अधिकारियों और उद्योग के पहलुओं के साथ बैठक की।
केंद्रीय मंत्री ने भारत में निवेश की व्यापक संभावनाओं और अमेरिका के साथ व्यावसायिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर आए गोयल ने निवेश एवं वित्तीय क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ कई मुलाकातें कीं। इनमें से अधिकतर संभावना जोखिम वाली कंपनी जॉनसन कंट्रोल्स के साथ सीईओ जॉर्ज ओलीवर, निवेश प्रबंधन कंपनी ब्लैकस्टोन के समान एवं सीईओ स्टीफन श्वार्जमान, मास्टरकार्ड के सीईओ माइकल मीबाक और निवेश फर्म कोलबर्ग क्रेविस रॉबर्ट्स एंड कंपनी के सह-संस्थापक हेनरी क्रेविस शामिल हैं।
भारत में प्रवेश करें अमेरिकी कंपनियां
अमेरिकी डेमोक्रेट के शीर्ष अधिकारियों से मिलने के बाद गोयल ने अपने कई ट्वीट्स में बताया कि इन दिग्गज कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ उन्होंने भारत में निवेश की संभावनाओं को लेकर चर्चा की। इस दौरान कारोबार के नए संकेतों की पहचान पर भी जोर दिया गया। बाद में गोयल ने अमेरिकी शेयर बाजार नैसडेक में अमेरिका-भारत व्यापार परिषद की ओर से एक गोलमेज़ बैठक का आयोजन भी किया। इस नीति पर गोयल ने भारत की आर्थिक शानदार कायाकल्प एवं व्यापक संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत और अमेरिका के मजबूत होते हुए आर्थिक संबंध और निवेश से हमारी साझेदारी को नई प्रतिबद्धता मिल रही है।” इसके पहले वेल ने उद्योग जगत, थिंक टैंक और अल्मिक जगत के प्रतिनिधियों के एक गोलमेज सम्मेलन को भी भेजा था।
गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि इसमें एक सीधे निवेश के इरादे पर भारत की भूमिका और जी20 की अध्यक्षता में कई तरह की चर्चा हुई। गोयल ने न्यूयॉर्क में स्थित उद्यम इनोवेशन सेंटर का भी दौरा किया जहां पर अकादमिक एवं खोज दल काम करते हैं और वहां कई प्रौद्योगिकी, उद्यम एवं पूंजी उद्यम के कार्यालय मौजूद हैं।



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें