छत्तीसगढ़

पर्यावरण विभाग राखड़ माफियाओं के कब्जे में, बेतरतीब ढंग से जलस्रोत किए जा रहे पाट – कांग्रेस का आरोप

सुरेंद्र वर्मा बोले, कोरबा-रायगढ़ में सबसे गंभीर स्थिति, जल स्रोतों की तबाही का जिम्मेदार कौन?

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सोमवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश का पर्यावरण विभाग पूरी तरह से राखड़ माफियाओं के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि मोटे कमीशन की लालच में पर्यावरण विभाग द्वारा नियमों को ताक पर रखकर प्रदेश में जल स्रोतों, खेतों, नहरों और सड़कों तक को राखड़ से पाटा जा रहा है, जिससे आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है।

वर्मा ने आरोप लगाया कि यह सब कुछ सरकारी संरक्षण में हो रहा है, और बिना ग्राम पंचायत की अनुमति या ग्रामसभा के प्रस्ताव के ही राखड़ डंपिंग की जा रही है। कई स्थानों पर सार्वजनिक रास्ते, डबरी, पोखर और यहां तक कि स्थायी जल स्रोत भी राख से भर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कोरबा और रायगढ़ जिलों में स्थिति सबसे भयावह है, जो कि पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी का गृह जिला भी है। कोरबा के बालको, दर्री और जमनीपाली क्षेत्रों में सड़कों के किनारे और आसपास के पारंपरिक जल स्रोत पूरी तरह राख से पट चुके हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बालको, अडानी पावर, मारुति पावर और एसीबी जैसी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राकृतिक जलस्रोतों को “लो लाइन” बताकर उन्हें राखड़ निपटान के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।

“पहले केवल छोटे जलग्रहण क्षेत्रों को निशाना बनाया जा रहा था, लेकिन अब स्थायी जलस्रोत भी इस विनाशकारी प्रक्रिया की चपेट में आ गए हैं,” वर्मा ने कहा। उन्होंने सवाल उठाया कि बिना पर्यावरण संरक्षण मंडल और ग्रामसभा की अनुमति के आखिर किन अधिकारियों ने निजी कंपनियों को ये अनुमति दे दी?

वर्मा ने कहा कि राखड़ निपटान के लिए अनुपयोगी खदानों के आवंटन की एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसमें पंचायत, राजस्व और पर्यावरण विभाग की अनुमति जरूरी होती है। लेकिन वर्तमान में बाहरी राज्यों की कंपनियों को इसमें शामिल कर, स्थानीय स्वीकृति को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने पूछा, “क्या कुछ ट्रांसपोर्टरों और कंपनियों के मुनाफे के लिए किसानों की जमीन, आम रास्ता और जनता के निस्तारी तालाबों को बर्बाद करना जायज है?”

प्रदेश कांग्रेस ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही प्रदेश सरकार से पूछा है कि क्या वह उद्योगपतियों के मुनाफे के लिए छत्तीसगढ़ की जल-जमीन को इस तरह तबाह करने की नीति पर चल रही है?

 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page