अमेरिका ने 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद पाकिस्तान को “वापस पाषाण युग में” पहुंचने की धमकी दी थी। अमेरिका ने परवेज मुशर्रफ को साफ कहा था कि यदि राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध में सहयोग नहीं किया तो वो उनके देश को बम हमलों से स्टोन एज में भेजेंगे।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 5 फरवरी को निधन हो गया। संयुक्त अरब अमीरात के अमेरिकी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। मुशर्रफ एमिलॉयडोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित थे। परवेज मुशर्रफ की पाकिस्तान की राजनीति में काफी अहम भूमिका है। परवेज मुशर्रफ के सैन्य कमांडर और सेना प्रमुख से लेकर राष्ट्रपति बनने तक की यात्रा काफी दिलचस्प रही है। 11 सितंबर 2001 की वो स्याह तारीख को भला कौन भूल सकता है। जब 20 साल पहले उसी दिन सुपर पावर मुल्क ने कहा जाने वाले अमेरिका की बुनियाद हिला कर रख दिया था। उस दिन मीटर्स ने अमेरिका के गुरू का कहना है कि जाने वाली इमारत का वजूद ही खत्म कर दिया था। उस दिन अमेरिका को पहली बार ये एहसास हुआ कि आतंकवाद का खात्मा किए बिना वो अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है।
अमेरिका ने दी धमकी
अमेरिका ने 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद पाकिस्तान को “वापस पाषाण युग में” पहुंचने की धमकी दी थी। अमेरिका ने पाकिस्तान के भरे हुए राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को साफ कहा था कि यदि भरे हुए राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध में सहयोग नहीं किया तो वो उनके देश को बम विस्फोट से स्टोन एज में भेजेंगे।
वापस पाषाण युग में भेंज संगति
मुशर्रफ ने अपने संस्मरण इन द लाइन ऑफ फायर में लिखा था कि अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रिचर्ड आर्मेज ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख के साथ बातचीत में यह धमकी दी थी। आईएसआई प्रमुख 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में आतंकवादी हमलों के समय वाशिंगटन का दौरा कर चुके थे। मुशर्रफ ने ‘ट्विन टावर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद का जिक्र करते हुए लिखा था, ”अब तक के सबसे राजनायिक दावों में आर्मिटेज ने ऐसा कहा था कि हमें स्थिति (पाकिस्तान को) केवल यह तय करना है कि हम अमेरिका के साथ या मॉनिटर के साथ हैं, लेकिन यदि हमारी नज़रें चुनी हुई हैं, तो फिर हमें पाषाण युग में ले जाने वाले बम हमलों के लिए तैयार रहना चाहिए।
अमेरिका ने ओसामा को पाकिस्तान में घुसकर ढेर कर दिया
2001 में जब अल-कायदा ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किया, तो उसका शीर्ष नेता ओसामा रोलिंग लादेन था। अल-कायदा ने मूल रूप से अमेरिका के वजूद को ही झकझोर कर रख दिया था। 9/11 हमलों के मुख्य षडयंत्रकर्ता रोलिंग लादेन को 2 मई, 2011 को अमेरिकी नौसेना की सील से मार गिराया गया था। रोलिंग लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा था। लेकिन वो अमेरिकी खुफिया विभाग की नजरों से नहीं बचा। अमेरिकी सेना ने प्रवेश किया और अल-कायदा के शीर्ष नेता को मार गिराया। यह ऑपरेशन ‘नेपच्यून स्पीर’ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में किया गया था।