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तेंदुए के हमले से अधेड़ की मौत, अब तक 3 लोगों की मौत के घाट उतरे; छाया में गुजर रही वनक्षेत्र के लोगों की रात

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर समाचार: छत्तीसगढ़ में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में कड़ाकड़ाती ठंड के बीच आदमखोर का आतंक बढ़ता जा रहा है। कैमरे के लगातार बढ़ते हमलों से वन क्षेत्र की स्थिति सामने आई है। ग्रामीण रतजगा करने पर मजबूर हो गए हैं। वहीं वन विभाग की ओर से पकड़ने के लिए जंगल में चार कैमरे दिखाए गए हैं। वहीं ट्रैप कैमरा भी लगाया गया है। इसके बावजूद वीडियो को पकड़ने का हर उपाय फेल देख रहा है।

इसी क्रम में एक महीने में डिटेल्स ने चौथी बार किसी व्यक्ति पर हमला किया है। जिससे उसकी मौत हो गई है। एक कच्चे खेत में काम कर रहा था। उसी दौरान दलाल ने उस पर हमला किया और भाग गया। मामला जनक क्षेत्र का है। जिले में एक महीने के अंदर दलाली के हमले से यह तीसरी मौत है।

दरअसल, शाम के वक्त जनकपुर निवासी रनबदन अपने खेत में फसल की रखवाली कर रहा था। उसी घड़ी अचानक वहां तेंदुआ आ धमका और उसने अधेड़ पर हमला कर दिया। उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जब कुछ ग्रामीण उसके खेत के पास पहुंचे तब वहां रनबदन का शव पड़ा था। इसके बाद वन विभाग की घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

शोक सोनहत-भरतपुर के विधायक विधायक गुलाब कमरो ने पत्राचार को लेकर आतंक को लेकर वन मंत्री को चिट्ठी लिखकर इलाके में लगातार हो रहे पत्रकार के हमले से शिकायत की बात कही है। उन्होंने कहा कि लैपटाप ने उन्हें जल्द ही पकड़ने की व्यवस्था के लिए लिखा दिया है।

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बता दें कि मनेंद्रगढ़ वनमंडल के अलग-अलग इलाकों में एडमखोर तेंदुआ दिसंबर महीने से अलग-अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहा है। इसकी पहली जानकारी ने 3 जनवरी को सिंगरौली गांव में एक महिला की जान ली थी। तब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मांग पर इसे पकड़ने में छिपे हुए बताए गए थे। फिर भी तेंदुआ अब तक पकड़ में नहीं आ सका है। बता दें कि दो दिन पहले कांकेर से बातचीत को पकड़ने वाले विशेषज्ञ टीम में था।

उस विशेषज्ञ टीम ने उस दौरान कहा था कि वह एडमखोर नहीं है, जबकि वह बार-बार गांव में घुसकर उन पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार रहा है। विशेषज्ञ टीम के ही जनकपुर वन परिक्षेत्र में अब पत्रकार ने एक पते को मार दिया है। ऐसे में लोग वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

जिले के वनांचल कुंवारपुर व जनकपुर वनपरिक्षेत्र में कांकेर से पहुंचें वाइल्ड लाइफ जानकारों की चार सदस्यीय टीम पांच दिन से सिर्फ पंजों के निशान से स्मार्टफोन की पहचान करने में जुटी है। हालांकि फॉरेस्ट टीम को पकड़ने के लिए शंकरपुर और कुंवारपुर में आधा भरा हुआ पिंजरा लगा हुआ है। लेकिन तेंदुआ में अटक नहीं रहा है। अत्याचारी है कि इस छेड़खानी के हमले से अब तक दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक लड़का घायल हो गया, जो अब तक पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सकते हैं।

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