
विदेश मंत्री एस जयशंकर
नई दिल्ली: सेंटर सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में भारतीय अटकने वालों के आंकड़े प्राप्त किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 से 16 लाख से अधिक भारतीयों ने अपना भारतीय लक्ष्य छोड़ दिया है। इनमें से सबसे ज्यादा 2,25,620 भारतीय ऐसे हैं जिन्होंने पिछले साल भारतीय प्रमाणन छोड़ दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
2015 से 2019 तक इतने लोगों ने देश छोड़ा
हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वर्षवार भारतीय स्थायी आवास वाले भारतीयों की संख्या ब्योरा में बताया कि वर्ष 2015 में 1,31,489 जबकि 2016 में 1,41,603 लोगों ने अटैचमेंट छोड़ा और 2017 में 1,33,049 लोगों ने अटैचमेंट छोड़ा। उनके मुताबिक 2018 में यह संख्या 1,34,561 थी, जबकि 2019 में 1,44,017, 2020 में 85,256 और 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने अपनी जॉब छोड़ दी थी।
2011 के बाद से 16 लाख से ज्यादा लोग विदेश बसे
विदेश मंत्री के मुताबिक, 2022 में यह संख्या 2,25,620 थी। जयशंकर ने कहा कि संदर्भ के लिए 2011 के आंकड़े 1,22,819 थे, जबकि 2012 में यह 1,20,923, 2013 में 1,31,405 और 2014 में 1,29,328 थे। साल 2011 के बाद से भारतीयों की कुल संख्या 16,63,440 है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान पांच भारतीय नागरिकों को संयुक्त अरब अमीरात की सूचना प्राप्त हुई है। जयशंकर ने उन 135 देशों की सूची भी उपलब्ध कराई है, जिन्हें जारी रखने वाले भारतीयों ने उपलब्ध कराया है।
विदेशी प्राधिकरण में खिंचाव को लेकर क्या कहा
एक और सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि सरकार हाल के महीनों में अधिकृत पेशेवरों द्वारा खींचे जाने के मुद्दों से अवगत है। उन्होंने कहा कि इनमें से एक निश्चित प्रतिशत एच-1बी और एल1 वीजा धारक भारतीय नागरिकों के होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अमेरिकी सरकार के अपने अधीनस्थ पेशेवरों समेत उच्च कुशल मामलों से संबंधित मुद्दों को लगातार उठाती है। मुरलीधरन ने कहा, ”सरकार इन मुद्दों पर उद्योग संगठनों और व्यापार मंडलों सहित विभिन्न पहलुओं के साथ भी काम कर रही है।”
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