दिल्ली में बीजेपी-आप और कांग्रेस के बीच सियासत काफी तेज है। सियासी गर्मी की लपटे देश के कोने-कोने में दिखाई दे रहे हैं। अभी मनीष सिसोदिया जेल में ही रहेंगे। कोर्ट उनकी जमानत याचिका पर 21 मार्च को सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली। दिल्ली में बीजेपी-आप और कांग्रेस के बीच सियासत काफी तेज है। सियासी गर्मी की लपटे देश के कोने-कोने में दिखाई दे रहे हैं। अभी मनीष सिसोदिया जेल में ही रहेंगे। कोर्ट उनकी जमानत याचिका पर 21 मार्च को सुनवाई करेगा। इसी बीच इस पूरे मामले पर कांग्रेस भी जोखिम में हैं। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली और पंजाब में भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने का आरोप लगाया और यह दावा भी किया कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी सरकार की आबकारी नीति से जुड़े जजमेंट अरविंद केजरीवाल की जानकारी में थे।
पार्टी नेता अलका लांबा ने यह भी कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ज्यादा समय तक चुप्प नहीं रहेंगे और जिस दिन उन्होंने चुप्पी तोड़ दी उस दिन केजरीवाल भी इस मामले के जड़ में आ जाएंगे और बात उनकी कुरसी तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा, ”दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार है। पंजाब में उसकी सरकार में भ्रष्टाचार होने के साथ ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है। यह बहुत खतरनाक बात है।”
सिसोदिया की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए अलका ने दावा किया, ”मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल के राजदार हैं जो ज्यादा वक्त तक चुप नहीं रहेंगे। जिस दिन उन्होंने चुप्पी तोड़ी, बात अरविंद केजरीवाल की कुरसी तक पहुंचे क्योंकि शराबनीति से जुड़े जजमेंट की जानकारी में हो रहे थे।”
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में सिर्फ एक विरोधी दल और सिर्फ एक नेता, ‘तानाशाह’ मोदी सरकार के खिलाफ बिना झुके खड़ा है और वह कांग्रेस एवं राहुल गांधी हैं। सिसोदिया को कथित रवैया ब्यूरो (सीबीआईबीआई) ने दिल्ली की आबकारी नीति (जो अब वापस ले ली गई है) में कट्टरपंथियों के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने इसी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में ऐतिहासिक जेल में सिसोदिया से पूछताछ की और बृहस्पतिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।