
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज प्रश्नकाल के दौरान लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यों को लेकर जबरदस्त बहस देखने को मिली। विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव से तीखे सवाल पूछे, जिससे सदन में गरमागरमी का माहौल बन गया।
100 करोड़ के भुगतान पर सवाल, जवाब में उलझे उपमुख्यमंत्री
विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह ने बिलासपुर लोक निर्माण विभाग द्वारा वार्षिक मरम्मत एवं विद्युतीकरण पर खर्च की गई राशि को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि किन भवनों और स्थानों पर कार्य हुआ, इसकी स्पष्ट जानकारी क्यों नहीं दी गई?
इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि 2016 से 2024 के बीच 9156 स्थानों पर कार्य किए गए और कुल 32.03 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। लेकिन जब विधायक ने पूछा कि भुगतान के समय भवनों और स्थानों का स्पष्ट उल्लेख क्यों नहीं किया गया, तो मंत्री ने जवाब दिया कि यह जानकारी माप पुस्तिका में दर्ज होती है, देयकों में नहीं।
“अगर जानकारी नहीं दी गई तो 100 करोड़ का भुगतान कैसे हुआ?” – नेता प्रतिपक्ष
इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सरकार को घेरते हुए कहा,
“अगर भवनों और स्थानों की जानकारी नहीं दी गई तो 100 करोड़ रुपए का भुगतान कैसे हो गया? फिर गाइडलाइन जारी करने की जरूरत ही क्यों पड़ी?”
इस पर उपमुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि शासकीय राशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए समय-समय पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। उन्होंने कहा, “अगर किसी डिवीजन में गड़बड़ी की शिकायत है तो हमें उपलब्ध कराएं, जांच कराई जाएगी।”
अध्यक्ष ने दिए संक्षिप्त उत्तर देने के निर्देश
सदन में बहस बढ़ती देख अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दखल देते हुए कहा कि 1500 पृष्ठों का उत्तर प्रश्नकाल में नहीं दिया जा सकता, इसलिए कम शब्दों में जवाब देने का निर्देश दिया। लेकिन विधायक राघवेंद्र सिंह अड़े रहे और बोले,
“मैंने स्थानों की जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार सिर्फ सेक्शन की जानकारी दे रही है।”
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक का तंज
इस दौरान भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने चुटकी लेते हुए कहा कि,
“संभवतः भवन बने ही नहीं होंगे, पिछली सरकार के कार्यकाल में ऐसा ही होता था!”
इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।













