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SC का बड़ा फैसला: महिला ने 8 लोगों पर दर्ज करवाई थी FIR, कोर्ट ने कहा- कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग

UNITED NEWS O ASIA. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सेना के एक रिटायर्ड अधिकारी के खिलाफ दर्ज रेप केस को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह ‘कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग’ है और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से ही राहत मिल जानी चाहिए थी। इस केस में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि महिला पहले भी 8 अन्य लोगों पर इसी तरह के आरोप लगा चुकी थी। दिल्ली पुलिस ने भी कोर्ट को बताया कि महिला ने एफआईआर तो दर्ज करवाई, लेकिन कभी जांच में सहयोग नहीं किया।

क्या है पूरा मामला?

2021 में 39 वर्षीय महिला ने रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर कैप्टन राकेश वालिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने नशीला पदार्थ खिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने दिल्ली के महरौली थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद सेना के पूर्व अधिकारी ने इसे ‘पैसे ऐंठने की साजिश’ बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में केस रद्द करने की याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि महिला ने इसी तरह के आरोप अलग-अलग थानों में 8 अन्य लोगों पर भी लगाए हैं।

SC की कड़ी टिप्पणी, FIR खारिज

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब महिला को समन भेजा गया तो उसने अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा:

“यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से ही राहत मिल जानी चाहिए थी।”

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के खिलाफ दर्ज FIR को खारिज कर दिया।

महत्वपूर्ण सवाल उठे

इस केस के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं:

  • क्या ऐसे मामलों में शिकायतकर्ताओं की पृष्ठभूमि की गहराई से जांच होनी चाहिए?
  • फर्जी केस दर्ज करवाने वालों पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती?
  • क्या हाईकोर्ट को पहले ही सही फैसला नहीं लेना चाहिए था?
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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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