लेटेस्ट न्यूज़

स्वयं के अधिकार का मूल उद्देश्य जनहित है, निजी सुख नहीं: पीएम शरीफ

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत सरकार सुप्रीम कोर्ट (कार्य प्रणाली और क्रिया) 2023 को कानूनी रूप देने का प्रयास कर रही है, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अटा बांदियाल के स्वयं: संज्ञा लेने की शक्ति को कम करना और मामलों की सुनवाई के लिए जजों के पैनल का गठन किया जाता है।

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि स्वयं: ऐडऑन के अधिकार का मूल उद्देश्य उसका उपयोग जनहित के लिए करना है, न कि किसी खास इंसान के लिए। सरफराज के यह आरोप, गठबंधन और न्यायपालिका के बीच जारी तनातनी के बीच आया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत सरकार सुप्रीम कोर्ट (कार्य प्रणाली और क्रिया) 2023 को कानूनी रूप देने का प्रयास कर रही है, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अटा बांदियाल के स्वयं: संज्ञा लेने की शक्ति को कम करना और मामलों की सुनवाई के लिए जजों के पैनल का गठन किया जाता है।

सरकार के इस कदम को लेकर विधायिका और न्यायपालिका के बीच ठनी हुई है। प्रारंभ में इस संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया और कानूनी रूप देने के लिए इसे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। लेकिन, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सेल्लुक रखने वाले राष्ट्रपति अल्वी ने लौटाते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून ”संसद के दायरे से बहुत बाहर है।” हालांकि, 10 अप्रैल को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में खान की पार्टी के सदस्यों के सदस्यों के बीच यह फिर से पास हो गया।

शुक्रवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने इस कानून को बताया। ‘द डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार लाहौर की कोटालखपत जेल का दौरा करने और वहां के बंदियों की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के बाद मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री सरफराज ने सवाल किया कि जेलों और उनमें बंद कैदियों से जुड़े मुद्दों पर अदालत कितनी बार स्वयं: संज्ञान लिया जाता है। अखबार के अनुसार, सरफराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जनहित के मुद्दों पर स्वयं: संज्ञान लेने और उन पर सुनने का अधिकार प्राप्त है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”क्या आपने जेल अधिकारियों से पूछा कि उनके पास कैदी हैं, क्योंकि स्वयं संज्ञान नोटिस का मूल उद्देश्य जनहित है… निजी सुख नहीं। कैदी के साथ न्याय और उनके संबंधित संबंधित मुद्दों पर स्वयं संज्ञान लिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि लाहौर जेल में चार हजार, पंजाब जेल में 50 हजार और देश की अन्य जेलों में लाखों कैदी बंद हैं। सरफराज ने कहा, ”हजार ऐसे कैदी हैं, जिन्हें कानूनी रूप से रिहा किया जा सकता है। अदालतों ने इस दिशा में कितना काम किया है। देश की जनता मुझसे और यह सवाल पूछता है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page