एमपी विधानसभा चुनाव 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता कर लेट माधवराव सिंधिया (माधवराव सिंधिया) का सपना पूरा कर सकता है? यह सवाल इन दिनों राज्य के सियासी गलियारों में और दिग्गज नेताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एमपी में नौकरी कर रहे बीजेपी के एक तीर से दो शिकार कर सकते हैं। इस जजमेंट से कांग्रेस के सामने भी बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 10 मार्च को सीधे माधवराव सिंधिया की 78वीं जयंती के अवसर पर अवसर पर आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के कई दिग्गज नेता भी यात्रा करने वाले हैं। इस 10 मार्च के दौरान सबसे पहले खेल मैदान से रयान दौड़ की शुरुआत होगी, जिसे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हरी झंडी बताकर रवाना होंगे।
इसके अलावा दोपहर में शिवपुरी में माधव नेशनल पार्क में टाइगर निकल जाएंगे। इसके अलावा 10 मार्च को ही सिंधिया छत्री पर भजन ईव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भी बीजेपी के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। शिवराज सिंह चौहान के भी शामिल होने की पूरी संभावना है।
दो बार बनते बने बने रहे थे माधवराव सिंधिया
इतिहास गवाह है कि पूर्व केंद्रीय माधवराव सिंधिया के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ गहरी मित्रता बनी हुई है। मध्य प्रदेश में जब पूर्व भागीदार अर्जुन सिंह की कुर्सी पर 1989 में चुरहट मामला सामने आने के बाद खतरा मंडराया था, उस समय नौकरी के लिए पहला नाम माधवराव सिंधिया का सामने आया था। याचिकाकर्ता राजीव गांधी चाहते थे कि माधवराव सिंधिया को एमपी का पेज बना लें, लेकिन अर्जुन सिंह ने पर्ललाल वोरा के नाम पर जारीते हुए विधायक दल का फैसला कर लिया।
इसके बाद वर्ष 1993 में मध्य प्रदेश में भी मध्यप्रदेश में काम के रूप में माधवराव सिंधिया का नाम सबसे ऊपर आया था, लेकिन उस समय भी केंद्रीय राजनीति में सक्रिय अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया। इस प्रकार दो बार माधवराव सिंधिया बने बने बने रहे। अब सवाल उठ रहा है कि क्या माधवराव सिंधिया का आकर्षण बनने का सपना ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरा करेंगे और बीजेपी इसके लिए कदम आगे बढ़ाएंगे?
कांग्रेस के लिए खर्च करना बहुत मुश्किल हो सकता है
अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश का कमान सौंप दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया टक्कर देने के लिए कांग्रेस में अभी कोई भी ऐसा चेहरा नहीं दिख रहा है। कांग्रेस अभी भी शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर फोकस कर रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की हर रणनीति और चाल से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
इसके अलावा अगर बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम बनाते हैं तो कांग्रेस में बगावत और बढ़ोत्तरी होगी। कांग्रेस के कई बड़े नेता बीजेपी की ओर रुख कर सकते हैं. इसके अलावा, आज भी शिवराज सिंह चौहान को केंद्र की राजनीति में ले जाने का महत्वपूर्ण फैसला लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी बेहतर साबित होगा।
क्या कहते हैं सिंधिया समर्थक और विरोधी?
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और पूर्व विधायक राजेंद्र भारती के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान को केंद्र की जिम्मेदारी सोपता है तो निश्चित रूप से नौकरी की दौड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पहली पंक्ति में है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जन-जन के नेता हैं। यदि बीजेपी के नेतृत्व में उन्हें प्रदेश के नंबर के रूप में काम करने का मौका मिलेगा तो निश्चित रूप से कांग्रेस की मुश्किल होगी।
पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को जीते जी बीजेपी चुनाव लड़ती है तो भी बीजेपी की जनविरोधी कांग्रेस कांग्रेस को चमकाने की ओर आगे बढ़ेंगे। उनका उहना है कि टॉक केवल अपने मन की बात ही कर रहा है। यही शिशिल भोपाल से दिल्ली तक चल रहा है, इसलिए पूरे बीजेपी में रजिस्ट्रार-पुथल मची हुई है।
यह भी पढ़ें: देखें: रायसेन में होली की परंपरा, धधकते अंगारों पर चलते हैं लोग, 25 फीट की ऊंचाई पर बांधते हैं बकरा!