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तेजस्वी यादव ई.डी: नौकरी के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अब गंभीर मुश्किल में पड़ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई की शर्तों के आधार पर मनीड्रिंग कानून के तहत अलग से मामला दर्ज किया। इसमें तेजस्वी यादव को आपी बनाया गया है। इसके बाद उन्हें मंगलवार को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया। ईडी ने दौड़कर करीब 9 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनसे कमाई और परिवार की संपत्ति से जुड़े सवाल पूछे गए।
रेलवे में फर्जी होने के बदले जॉब स्कैम में दर्ज होने से सूरज यादव पहले से ही परेशान हैं। पिछले 25 मार्च को सीबीआई ने भी उनसे करीब 8 घंटे तक पूछताछ की थी। हालांकि, सीबीआइ द्वारा कोर्ट में दिया गया चार्ज साइज में स्थायी का नाम नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसी इसी महीने की प्रविष्टि का चार्ज साइज भरती है, जिसकी राइजिंग को भी दशमलव बनाया जा सकता है।
दूसरी ओर, ईडी ने भी तेजस्वी यादव पर संपूर्ण रूप से दृष्टांत के रूप में लिया है। उन्हें पैसों की तंगी के मामलों में रहने की स्थिति की जांच की जा रही है। ऐसे में डिप्टी सीएम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
क्या है मामला?
लैंड फॉर जॉब केस की शुरुआत में तेज यादव का नाम नहीं आया था। मगर जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ा, दिल्ली के दोस्तों की कॉलोनी में स्थित एक बंगले का जिक्र आया। जांच में पता चला है कि यह बंगला एक निजी कंपनी के नाम पर दर्ज है, जिसके मालिक तेजस्वी यादव और उनकी बहन हैं। इस कंपनी के निदेशक भी रह गए हैं। बंगले की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
ईडी की पूछताछ के बाद बोले- कोई घोटाला नहीं हुआ
आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री बने रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से बेशकीमती जमीनों को कौड़ियों के दाम चढ़ाया गया था। दिल्ली के फ्रेंड्स कॉलोनी वाला बंगला भी शामिल है।
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