टीसीएस ने सोमवार को कहा कि विदेशी मुद्रा में वृद्धि हुई है और कुल वृद्धि से उसका लाभ बढ़ा है। इसके साथ ही कंपनी ने कई साल बाद कर्मचारियों की संख्या में कमी की सूचना भी दी।
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कंसल्टेंसी सात (टीसीएस) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 11 प्रतिशत बढ़कर 10,846 करोड़ रुपये रहा। हालांकि कंपनी का लाभ मार्जिन घटा है लेकिन भविष्य के सौदे को लेकर कंपनी काफी आशान्वित है। टीसीएस ने सोमवार को कहा कि विदेशी मुद्रा में वृद्धि हुई है और कुल वृद्धि से उसका लाभ बढ़ा है। इसके साथ ही कंपनी ने कई साल बाद कर्मचारियों की संख्या में कमी की सूचना भी दी। हालांकि कंपनी ने कहा है कि गिरावट का कारण मांग की कमजोरी नहीं है और अगले वित्त वर्ष में वह करीब 1.50 लाख कर्मचारियों को नियुक्त करती है।
कंपनी के निदेशक मंडल ने 75 रुपये प्रति शेयर देने की भी सीमा तय की है। इसमें 67 रुपये प्रति शेयर का विशेष रूप से शामिल है। इसके लिए कंपनी को 33,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। तीसरी तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व भी 19.1 प्रतिशत बढ़कर 58,229 करोड़ रुपये हो गया। अक्टूबर-दिसंबर 2021 की अवधि में यह 48,885 करोड़ रुपये था। हालांकि इस अवधि में कंपनी का कार्यकारी लाभ मार्जिन 0.50 प्रतिशत घटक 24.5 प्रतिशत पर गया। टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कार्यकारी निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा है कि वह उत्तरी अमेरिकी और ब्रिटिश कार्य को लेकर अधिक अनुपात रखते हैं।
उन्होंने कहा, इन क्षेत्रों की कंपनी के राजस्व में दो-तिहाई योगदान है। लेकिन विशेषण भी हैं। यूरोप पर नजर रखने की जरूरत है क्योंकि वैश्विक तनाव को देखते हुए ग्राहक इसके खर्च से बचते हैं। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा कि डील अच्छे दिख रहे हैं और ऐसा लगता है कि इस कंपनी में भी टेक्नोलॉजी पर खर्च को लेकर स्थिति पहले जैसी बनी हुई है। कंपनी ने नए अटेंशन के तहत तिमाही के लिए 7.9 अरब डॉलर के कुल अनुबंध की सूचना दी।
गोपीनाथन ने कहा कि यह 7-9 अरब डॉलर डॉलर के लक्ष्य की सीमा में है। गोपीनाथन ने अपेक्षाकृत कमजोर कुछ जाने वाली तिमाही में कंपनी के मजबूत प्रदर्शन का श्रेय क्लाउड सेवाओं को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की मार्केट दी गई है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। बीती तिमाही में उनके कर्मचारियों की संख्या में 2,197 की कमी दर्ज की गई और उनके कुल कर्मचारियों की संख्या 6,13,974 रही। यह कई साल बाद ऐसी पहली तिमाही है, जिसमें कर्मचारियों की संख्या घटती है।
कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी ने मिलिंद लक्कड ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कमी का कारण कंपनी छोड़कर जाने वालों के लिए नई नियुक्तियां कम होना है। कंपनी चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 42,000 नए स्नातकों को नौकरी में दी गई। अंतिम तिमाही में कंपनी कुछ और नियुक्तियां भी करेगी। गोपीनाथन ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 में 1.25 से 1.5 लाख तक नए कर्मचारियों की नियुक्ति होगी।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।