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तवांग तो सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है… चीन की 5 जुड़ाव में भारत के 3 राज्य शामिल, क्या है पूरा प्लॉट?-भारत जानिए क्या है चीन की फाइव फिंगर पॉलिसी तवांग अरुणाचल प्रदेश लद्दाख सिक्किम

चीन की फाइव बंधन में भारतीय राज्य शामिल- India TV Hindi

छवि स्रोत: फाइल फोटो
चीन की फाइव रिलेशनशिप में भारतीय राज्य शामिल हुए

दुनिया भर में विवाद पैदा करने वाला चीन अपना कायराना हरकतों से बज नहीं रहा। अपने विस्तारवाद की नीति को लेकर पूरी तरह से अंग हो चुका ये देश भारत के साथ लगातार आक्रामक हो रहा है। उसके सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ की, जिसके बाद उनकी भारतीय सेना के साथ झड़पें हुईं। लेकिन चीन सिर्फ भारत के साथ ही ऐसा नहीं कर रहा है, बल्कि उसके दुनिया के दूसरे देशों के साथ भी जमीन और पानी को लेकर विवाद हैं। उसके सभी पड़ोसी इस विस्तारवाद की नीति से व्याकुल हो गए हैं। दुनिया के सबसे बड़े 14 देशों की सीमा साझा करता है और लगभग सभी के साथ उसका सीमा विवाद भी दुनिया के सामने आता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाहे भारत हो या फिर नेपाल, भूटान या तिब्बतन, सभी व्यवसाय की चीन की साजिश को पांच साझेदारी के नाम से जाना जाता है? ये कितना परेशान है, यह अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि चीन खुद भी आधिकारिक तौर पर इसका नाम नहीं लेता है, लेकिन हर घंटे इसे आकार देने की कोशिशों में जुटा रहता है। यहां जब 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी ने सत्ता संभाली तभी से विस्तारवाद की नीति पर काम शुरू हो गया। इस सरकार के बनते ही चीन ने तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान और इनरम्यों पर कब्जा कर लिया। गृहयुद्ध के बाद उसी समय ताइवान नाम का एक अलग देश अस्तित्व में आया, जिसके पीछे आज चीन पड़ा है और वह अपना हिस्सा बना रहा है। चीन ने रुका नहीं, बल्कि उसने 1997 में हांगकांग और 1999 में मकाउ पर भी कब्जा कर लिया।

भारत की कितनी जमीन पर है कब्जा?

इसी साल फरवरी महीने में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि चीन ने इंडिकेशंस में 38 हजार किलोमीटर किलोमीटर की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। ये कब्जा करीब छह दशक से है। पाकिस्तान ने 1963 में पोयोके का 5180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीन को दे दिया था। अब चूंकी ये भी भारत का ही हिस्सा है, ऐसे में चीन के भारत के कुल 43,180 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा है।

बीते साल की ही बात है, तब अप्रैल महीने में तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख लोबसांग सांगये ने चीन को लेकर एक योजना में कहा था कि तिब्बत तक पहुंचकर एक जरिया है। चीन का वास्तविक मकसद उन हिमालयी क्षेत्रों पर कब्जा करना है, जिन्हें वह पांच संबंध रखता है। चीन तिब्बत के बाद भारत की ओर बढ़ रहा है। वह इस फाइव शर्त का अपना मकसद पूरा करने के लिए ही भारत के साथ सीमा पर तनाव बनाए रखता है। उनकी इस लेखिका तिब्बतन में एक हस्ती है और इसकी अहम भूमिका है। उन्होंने 1959 में इस पर कब्जा कर लिया।

चीन तिब्बत के बाद संदेश, नेपाल, सिक्किन, भूटान और अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा करने की फिराक में है। ताकि वह हिमालयी क्षेत्र में अपना एकाधिकार स्थापित कर सके। चीन ने अपने इस मकसद को हासिल करने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। तो अब इस 5 क्रियात्मक संबंधों को विस्तार से जान लें।

चीन की फाइव रिलेशनशिप में भारतीय राज्य शामिल हुए

छवि स्रोत: इंडिया टीवी

चीन की फाइव रिलेशनशिप में भारतीय राज्य शामिल हुए

पहला- अरुणाचल प्रदेश

चीन और भारत के बीच ताजा तनाव अरुणाचल प्रदेश में हुआ है। 1962 के युद्ध में चीन की सेना इस भारतीय राज्य में काफी अंदर तक घुस गई थी और उसने एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। आज वही अवैध धंधे पर वह गांव बसा के लिए हैं। ये ज़ोन नेफ़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस इस्लामी देश में किसी भी भारतीय नेता की यात्रा का चीन विरोध करता है। वह यहां के लोगों के भारतीय पासपोर्ट की मान्यता नहीं देता है। जबकि चीन के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जो ये साबित कर सके कि ये उसी की जमीन है। चीन का पेट अब भी नहीं भर रहा है, वो अब भी अरुणाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों पर कब्जा करने की कोशिशों में जुटा है।

दूसरा- भूटान

भारत का शांतिप्रिय पड़ोसी देश और पूर्वी तट पर बसा भूटान इस संबंध में दूसरा संबंध रखता है। इस पर चीन लंबे समय से दावा कर रहा है। भारत ने भूटान के साथ सैन्य संधि की है, जिसके तहत वह इस देश को सैन्य सहायता देता है। भारत की सेनाएं यहां की सुरक्षा जोखिम हैं। हालांकि भूटान चीन को बेवकूफ बनाने के लिए कभी विदेशी निवेश आकर्षित करता है तो कभी मदद देने का नाटक करता है।

तीसरा रूप- सिक्किम

सिक्किम भारत का एक अहम हिस्सा है, जो दिखने में भी बेहद खूबसूरत है। लेकिन आजादी का समय इसका हिस्सा नहीं था। बल्कि इसके साल 1975 में भारत का विलय हुआ था। तब चीन ने इसका काफी विरोध किया था। लेकिन वो अपनी किसी चाल में संभव नहीं हो पाया। आज के समय में चीन सिक्किम पर अपना दावा करता है और चीनी सेना ने कई बार यहां भी घुसपैठ करने की कोशिश की है।

चौथा आधिकारिक- नेपाल

बेशक चीन नेपाल के साथ भी श्रेष्ठ संबंध होने का दावा करता है, लेकिन इस देश पर भी उसका बुरा दावा करते हैं। नेपाल के एक बड़े हिस्से पर भी चीन का कब्जा है। इसे लेकर हाल में ही नेपाल के लोगों ने सैर पर उतरकर चीन का काफी विरोध किया था। एक वक्त पर तो उसने भारत से सैन्य मदद के लिए जोर तक धक्का दिया था। भारत इस देश को हमेशा से ही मदद करता है। लेकिन नेपाल की ही कम्युनिस्ट सरकार काफी समय तक चीन के इशारों पर नाचती रही।

पांचवीं कड़ी- संकेत

मैसेज में चीन का हरकत किसी से छुपा नहीं है। उसकी सेनाएं लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर रही हैं। काफी बड़े भूभाग पर चीन का कब्जा पहले से है। जिसे अक्साई चीन के नाम से जाना जाता है। ये कभी भारत का क्षेत्र हुआ करता था। चीन की नजर आगे गलवान घाटी पर है। जहां जून, 2020 के बाद से तनाव बना हुआ है। दोनों देशों के बीच हुई करीब 16 राउंड की बैठकें भी कड़वी साबित हुई हैं।

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