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बस्तर में शिक्षा की अलख: 45 हजार लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य

UNITED NEWS OF ASIA. बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में निरक्षरता को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया गया है। इस पहल के तहत 45 हजार निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए 200 घंटे का विशेष कोर्स कराया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल लोगों को पढ़ने-लिखने में सक्षम बनाना है, बल्कि उन्हें गणित की बुनियादी समझ भी प्रदान करना है।

अब तक 36 हजार से अधिक लोगों ने इस कोर्स को पूरा कर लिया है। सफल प्रतिभागियों को 23 मार्च 2025 को राष्ट्रव्यापी महा परीक्षा में शामिल किया जाएगा। यह परीक्षा 3 घंटे की होगी, जिसमें पढ़ाई, लेखन और गणित से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षरता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

 गांव-गांव में चल रहा है अभियान

यह अभियान विशेष रूप से बस्तर के गांवों और पंचायतों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन लोगों को शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की है या किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी थी। इस कोर्स के माध्यम से उन्हें बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ गणित का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 साक्षरता के साथ आत्मनिर्भरता का लक्ष्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिर्फ साक्षरता नहीं, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। शिक्षा के माध्यम से उन्हें अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। इस पहल से न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, बल्कि बस्तर में निरक्षरता की समस्या पर भी प्रभावी रूप से नियंत्रण पाया जा सकेगा।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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